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माँ बगलामुखी शत्रु विनाशक कवच – शत्रु बाधा, कोर्ट केस व तंत्र से सुरक्षा के लिए

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Maa Bagla Pratyangira Kavach: बगलामुखी शब्द का अर्थ बहुत गहरा और रहस्यमय है। “बगला” शब्द संस्कृत के “वल्गा” से निकला है, जिसका अर्थ होता है लगाम या नियंत्रण। “मुखी” का अर्थ होता है, मुख वाली। अर्थात बगलामुखी देवी वह शक्ति हैं जो शत्रुओं की वाणी, बुद्धि और शक्ति को रोक कर उन्हें नियंत्रित कर लेती हैं। उनका स्वरूप ऐसा है कि जो शत्रु आपके खिलाफ बोलते हैं, षड्यंत्र करते हैं या गलत कार्य करते हैं, देवी उनकी वाणी को जड़ कर देती हैं और उनकी बुद्धि को भ्रमित कर देती हैं। इसी कारण उन्हें स्तम्भन (रोकने वाली शक्ति) की देवी कहा जाता है।

इसी तरह कवच का अर्थ होता है सुरक्षा देने वाला ढाल। जैसे कोई सैनिक युद्ध में कवच पहनता है और शत्रु के प्रहार से सुरक्षित रहता है, वैसे ही साधक जब बगलामुखी कवच का पाठ करता है, तो देवी का दिव्य कवच उसके चारों ओर सुरक्षा का घेरा बना देता है। यह कवच न केवल बाहरी शत्रुओं से बल्कि तंत्र-मंत्र, काला जादू, कोर्ट केस, झूठे आरोप, मुकदमे, व्यावसायिक दुश्मनी, बदनामी, वाद-विवाद जैसी समस्याओं से भी उसकी रक्षा करता है। शत्रुओं द्वारा किए गए सभी दुष्ट प्रयोग इस कवच के प्रभाव से निष्क्रिय हो जाते हैं और साधक विजयी बनता है।

प्रारंभिक नियम (साधना प्रारंभ से पूर्व)

  1. संकल्प लें
    अपने सामने जल से भरा कलश, दीपक, अगरबत्ती, पुष्प आदि रखें।
    फिर हाथ में जल लेकर संकल्प करें —

    “मम समस्त दुःखनिवृत्त्यर्थं, वैरिनाशनार्थं, समस्तकामनासिद्ध्यर्थं श्रीबगलामुखी कवचपाठं जपं च करिष्ये।”

  2. शुद्धि करें
    स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पीले वस्त्र श्रेष्ठ माने जाते हैं।

  3. आसन
    पीले या ऊन के आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।

  4. समय
    प्रातःकाल (ब्रह्म मुहूर्त सर्वोत्तम) अथवा रात्रि को 9 से 12 के बीच श्रेष्ठ माना जाता है।

Bagla Pratyangira Kavach | बगलामुखी शत्रु विनाशक कवच

॥ अथ बगलामुखी कवचं प्रारभ्यते ॥

श्रुत्वा च बगला पूजां स्तोत्रं चापि महेश्वर।
इदानीं श्रोतुमिच्छामि कवचं वद मे प्रभो॥

वैरिनाशकरं दिव्यं सर्वाऽशुभ विनाशकम्।
शुभदं स्मरणात्पुण्यं त्राहि मां दुःख-नाशनम्॥

॥ श्री भैरव उवाच ॥

कवचं श्रृणु वक्ष्यामि भैरवि प्राणवल्लभम्।
पठित्वा धारयित्वा तु त्रैलोक्ये विजयी भवेत्॥

विनियोगः

ॐ अस्य श्रीबगलामुखी कवचस्य नारद ऋषिः।
अनुष्टुप् छन्दः। श्रीबगलामुखी देवता।
ह्लीं बीजम्। ऐं कीलकम्।
पुरुषार्थचतुष्टय सिद्धये जपे विनियोगः॥

॥ अथ कवचम् ॥

शिरो मे बागला पातु हृदयैकक्षरी परा।
ॐ ह्रीं ॐ मे ललाटे च बगला वैरिनाशिनी॥

गदाहस्ता सदा पातु मुखं मे मोक्षदायिनी।
वैरिजिह्राधरा पातु कण्ठं मे बगलामुखी॥

उदरं नाभिदेशं च पातु नित्यं परात्परा।
परात्परतरा पातु मम गुह्यं सुरेश्वरी॥

हस्तौ चैव तथा पादौ पार्वती परिपातु मे।
विवादे विषमे घोरे संग्रामे रिपुसंकटे॥

पीताम्बरधरा पातु सर्वाङ्गं शिवंनर्तकी।
श्रीविद्यासमयं पातु मातंगी पूरिता शिवा॥

पातु पुत्रीं सूतं चैव कलत्रं कलिका मम।
पातु नित्यं भ्रातरं मे पितरं शूलिनी सदा॥

रंध्रं हि बगलादेव्या: कवचं सन्मुखोदितम्।
न वै देयं अमुख्याय सर्वसिद्धि प्रदायकम्॥

पठनाद् धारणादस्य पूजनाद् वाञ्छितं लभेत्।
इदं कवचं अज्ञात्वा यो जपेद् बगलामुखीम्॥

पिबन्ति शोणितं तस्य योगिन्यः प्राप्य सादराः।
वश्ये चाकर्षणे चैव मारणे मोहने तथा॥

महाभये विपतौ च पठेद् वरा पाठयेतु यः।
तस्य सर्वार्थसिद्धिः स्यात् भक्तियुक्तस्य पार्वति॥

बगलामुखी कवच जप विधि 

  • मन्त्र:
    बगलामुखी बीज मंत्र:

    “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”

  • मालाः
    पीली हल्दी की माला, या रुद्राक्ष माला।

  • संख्या:
    📿 नित्य 1, 3, 5, 7, 11, 21 या 108 माला का जप करें।

  • अवधि:
    न्यूनतम 40 दिन (मंडल पूर्ण साधना)। विशेष लाभ हेतु 108 दिन करें।

baglamukhi mata nalkheda

बगलामुखी कवच पाठ

  • कवच का पाठ मुख्य जप से पूर्व एक बार अवश्य करें।
  • प्रतिदिन पूजन प्रारंभ के पहले कवच का पाठ करने से सुरक्षा कवच तैयार होता है।

बगलामुखी पूजा विधि

🪔 पूजन सामग्री

  • पीला वस्त्र, पीला आसन
  • हल्दी की माला
  • दीपक (घी का)
  • धूप
  • केसर, चन्दन
  • पीले पुष्प, खासकर पीले कनेर के फूल
  • नारियल, फल
  • मिश्री या शहद
  • जल कलश, तांबे का लोटा
  • श्री बगलामुखी यंत्र (यदि हो सके तो)

🪔 पूजन क्रम

  1. आवाहन
    “ॐ ह्लीं बगलामुखि देवीं आवाहयामि स्थापयामि।”

  2. आसन अर्पण
    “ॐ ह्लीं देवी! इदं आसनं।”

  3. पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पण करें।

  4. कवच पाठ
    ऊपर दिया गया कवच का एक बार पाठ करें।

  5. मुख्य मंत्र जप करें।

  6. आरती करें।

  7. शांतिपाठ करें।

विशेष सावधानियां

  • मन शुद्ध और स्थिर रखें।
  • किसी का अनिष्ट करने की भावना से न करें।
  • गुरु से दीक्षा प्राप्त करके करना अधिक फलदायक होता है।
  • श्रद्धा और नियमपूर्वक करें।
  • रजस्वला स्त्री, शुद्धता के नियम, ब्रह्मचर्य आदि का पालन करें।
  • पीले रंग का अधिकतम उपयोग करें।

माँ बगलामुखी कवच महत्व

माँ बगलामुखी साधना अत्यंत प्रभावशाली है।

  • यह वैरिनाशक,
  • कानूनी समस्याओं से मुक्ति,
  • मन की चंचलता पर नियंत्रण,
  • मोहिनी, वशीकरण, आकर्षण,
  • रोग नाश,
  • तथा संकट निवारण में अत्यंत उपयोगी है।

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Laxman Mishra

पंडित लक्ष्मण मिश्रा एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य हैं, जो वैदिक ज्योतिष, कुंडली विश्लेषण, विवाह योग, धन योग और वास्तु शास्त्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी सटीक भविष्यवाणियाँ और उपाय अनगिनत लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुके हैं। वे ज्योतिष को तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर, लोगों को सही मार्गदर्शन प्रदान करने में विश्वास रखते हैं। अगर आप अपने जीवन से जुड़ी किसी समस्या का समाधान चाहते हैं, तो पंडित लक्ष्मण मिश्रा से परामर्श अवश्य लें।

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