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मां बगलामुखी चालीसा जिसे पढ़ने से हो जायेंगे आपके सारे शत्रु परास्त | Maa Baglamukhi Chalisa

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मां बगलामुखी चालीसा का पाठ एक महान आध्यात्मिक अनुभव का साक्षी है। यह चालीसा मां बगलामुखी की कृपा और शक्ति को विशेष रूप से प्राप्त करने का एक उपयोगी माध्यम है। इस चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति आत्मा के अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ता है और आध्यात्मिक विकास में उनका साहस बढ़ता है। यहां हम इस चालीसा के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करेंगे।

मां बगलामुखी कौन हैं?

मां बगलामुखी हिंदू धर्म की एक महान देवी हैं। वे देवी दुर्गा के रूप में जानी जाती हैं और उन्हें मां बगलामुखी के नाम से भी जाना जाता है। उनकी पूजा और उनके चालीसा का पाठ करने से भक्तों को शक्ति, साहस और सफलता मिलती है।

मां बगलामुखी चालीसा के लाभ

  1. शक्ति की प्राप्ति: मां बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से भक्तों को अद्भुत शक्ति मिलती है, जो किसी भी चुनौती का सामना करने में मदद करती है।
  2. आत्मिक शांति: इस चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की आत्मिक शांति बढ़ती है और उन्हें आत्मविश्वास मिलता है।
  3. दुर्भावनाओं का निवारण: मां बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण होता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है।
  4. साहस और सफलता: यह चालीसा भक्तों को साहस और सफलता की प्राप्ति में मदद करती है और उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में साहस देती है।

मां बगलामुखी चालीसा | Maa Baglamukhi Chalisa

यहाँ बगलामुखी चालीसा का पाठ है:
श्री गणेशाय नमः ||
श्री बगलामुखी चालीसा
नमो महाविधा बरदा, बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल॥
नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी।
भक्त वत्सला शत्रु नशानी, नमो महाविधा वरदानी॥
अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा।
स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना॥
स्वर्णभूषण सुन्दर धारे, सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे।
तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला॥
भैरव करे सदा सेवकाई, सिद्ध काम सब विघ्न नसाई।
तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा॥
तुम काली तारा भुवनेशी, त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी।
छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी॥
सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजे।
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन॥
दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता।
साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता॥
मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी।
तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम हित कल्यानी॥
अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुध्दि नाशकर कीलक तन को।
हाथ पांव बाँधहु तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके॥
चोरो का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे।
अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे॥
मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट।
ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे॥
सुमरित राजव्दार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे।
नाग सर्प ब्रर्चिश्रकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर॥
सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलच्चाटन कारी।
स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक॥
तुमको सदा कुबेर मनावे, श्री समृद्धि सुयश नित गावें।
शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता।
यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता , शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता॥
पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो माता बगला महारानी।
जो तुमको सुमरै चितलाई, योग क्षेम से करो सहाई॥
आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो।
पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूँ निहोरी॥
मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ शरणागत आया।
जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा॥
नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता।
सोम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता॥
रोद्र रूप धर शत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो।
नमो महाविधा आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा॥
अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता।
रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।
मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल॥

यह चालीसा बगलामुखी माता की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक है, जो भक्तों के संकटों को दूर करती है और उन्हें सुख-समृद्धि में सहायता प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से जाप करने से भक्त की आध्यात्मिक और जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है। बगलामुखी माता की कृपा सदैव भक्तों पर बनी रहे। जय माँ बगलामुखी!

मां बगलामुखी चालीसा का पाठ कैसे करें?

  1. पूर्वाह्न और संध्या को इस चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
  2. एक शुद्ध और शांत माहौल में बैठकर इस चालीसा का पाठ करें।
  3. समर्पण और विश्वास के साथ मां बगलामुखी की कृपा के लिए प्रार्थना करें।

बगलामुखी का शक्तिशाली मंत्र क्या है? एवं चालीसा का आधारभूत पाठ

“ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”

यह चालीसा मां बगलामुखी की कृपा को प्राप्त करने में सहायक है और भक्तों को उनकी शक्ति और साहस में वृद्धि करता है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाता है।

मां बगलामुखी मंत्र के नुकसान क्या है?

बगलामुखी मंत्र के नुकसान की विशेषताएं और नुकसान किसी विशिष्ट आध्यात्मिक या वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्पष्ट करना मुश्किल है। व्यक्ति की भावनाओं, विश्वास तथा आध्यात्मिक उत्साह की दृष्टि से, ऐसे मंत्रों का प्रयोग उनके आत्मिक विकास और स्वयं के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने में मदद कर सकता है। लेकिन, कुछ व्यक्ति आध्यात्मिक अज्ञानता या गलत तरीके से मंत्र का प्रयोग करने के कारण भयंकर परिणामों का सामना कर सकते हैं। इसलिए, मंत्रों का उपयोग करते समय विशेष सावधानी और ज्ञान की आवश्यकता होती है।

क्या पीरियड्स के दौरान मां बगलामुखी मंत्र का जाप कर सकते हैं?

हां, पीरियड्स के दौरान बगलामुखी मंत्र का जाप किया जा सकता है। आध्यात्मिक अनुभव के अनुसार, पीरियड्स के दौरान भी आप अपने आध्यात्मिक अभ्यासों में निष्ठा रख सकते हैं। यह एक व्यक्तिगत चयन है और आपके आध्यात्मिक साधनाओं के संबंध में आपकी विशेष प्राथमिकताओं और संस्कृतिक नियमों पर निर्भर करता है। अगर आप इसे करना चाहते हैं, तो सही उत्साह, ध्यान और शुद्धता के साथ करें। अपने आसन और स्थिति को सुखद और समृद्ध करने के लिए कोई भी अच्छा समाधान चुनें।

मां बगलामुखी चालीसा का पाठ एक आध्यात्मिक साधना का हिस्सा है जो भक्तों को आत्मा के ऊपरी स्तर की प्राप्ति में मदद करता है। यह चालीसा आध्यात्मिक संचालन, आत्मा की समृद्धि, और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक मार्गदर्शक के रूप में काम करता है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से भक्त अपने जीवन में समृद्धि और सफलता की ओर बढ़ते हैं।

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Laxman Mishra

पंडित लक्ष्मण मिश्रा एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य हैं, जो वैदिक ज्योतिष, कुंडली विश्लेषण, विवाह योग, धन योग और वास्तु शास्त्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी सटीक भविष्यवाणियाँ और उपाय अनगिनत लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुके हैं। वे ज्योतिष को तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर, लोगों को सही मार्गदर्शन प्रदान करने में विश्वास रखते हैं। अगर आप अपने जीवन से जुड़ी किसी समस्या का समाधान चाहते हैं, तो पंडित लक्ष्मण मिश्रा से परामर्श अवश्य लें।

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