मुख्य बिंदु (Key Highlights):
- 7 मई को महाराष्ट्र के 16 शहरों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
- इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करना है।
- मॉक ड्रिल में एयर-रेड सायरन, ब्लैकआउट, और निकासी योजनाओं का परीक्षण किया जाएगा।
- इस अभ्यास में सिविल डिफेंस, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, और अन्य स्वयंसेवक भाग लेंगे।
7 मई 2025 को, महाराष्ट्र के 16 प्रमुख शहरों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य नागरिकों और अधिकारियों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करना है। यह अभ्यास गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार पूरे देश में किया जा रहा है, जिसमें महाराष्ट्र एक प्रमुख राज्य के रूप में उभरा है।
मॉक ड्रिल के उद्देश्य:
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक करना और उनकी प्रतिक्रिया क्षमताओं का परीक्षण करना है। इसमें एयर-रेड सायरन, ब्लैकआउट, और निकासी योजनाओं का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, नागरिकों को सिविल डिफेंस के पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे ‘शत्रुतापूर्ण हमले’ की स्थिति में खुद को सुरक्षित रख सकें।
महाराष्ट्र में मॉक ड्रिल के स्थान:
महाराष्ट्र में मॉक ड्रिल तीन श्रेणियों में आयोजित की जाएगी:
- श्रेणी 1: मुंबई, उरण (जहां जेएनपीटी पोर्ट स्थित है), और तारापुर (जहां परमाणु संयंत्र स्थित है)।
- श्रेणी 2: पुणे, नासिक, ठाणे, सिन्नर, थाल वैषेत, और पिंपरी-चिंचवड़।
- श्रेणी 3: छ संभाजी नगर, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, और सिंधुदुर्ग।
सार्वजनिक भागीदारी:
इस मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी), नेशनल सर्विस स्कीम (एनएसएस) के स्वयंसेवक, नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के सदस्य, और स्कूल और कॉलेजों के छात्र भाग लेंगे। इसका उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों में उचित प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करना है।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों और अधिकारियों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करना है, न कि घबराहट फैलाना। यह अभ्यास हमें हमारी तैयारियों का मूल्यांकन करने और आवश्यक सुधार करने का अवसर प्रदान करता है। इसलिए, नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लें और इसे गंभीरता से लें।
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