1. भारतीय रक्षा में C295 विमान का योगदान
C295 विमान परियोजना भारतीय वायुसेना के सामरिक परिवहन क्षमता में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। इसे विभिन्न प्रकार के मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे सैनिक परिवहन, कार्गो एयरलिफ्ट, चिकित्सा निकासी, और समुद्री गश्त। पुराने Antonov An-32 और Avro 748 बेड़े को बदलने के लिए लाए गए C295 में नई तकनीकी क्षमताएं शामिल हैं, जो इसे पहाड़ी क्षेत्रों और मुश्किल इलाकों में भी प्रभावी बनाती हैं। इसकी उच्चतम गति 482 किमी/घंटा है और यह लगभग 9 टन भार उठा सकता है, जिससे इसकी रणनीतिक उपयोगिता बढ़ती है। इसके अतिरिक्त, यह विमान इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस, कार्गो ड्रॉपिंग और मेडिकल निकासी जैसे कार्यों के लिए भी उपयुक्त है।
2. ‘मेक इन इंडिया’ के लिए एक मजबूत कदम
C295 परियोजना भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत एक मील का पत्थर है। इसमें 56 विमान बनाए जाएंगे, जिनमें से पहले 16 विमान स्पेन से आएंगे और शेष 40 का निर्माण वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा किया जाएगा। 2026 में पहला ‘मेड इन इंडिया’ C295 विमान तैयार होने की उम्मीद है। इस परियोजना से न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी बल्कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
3. रोजगार और स्थानीय उद्योग को मजबूती
वडोदरा, गुजरात में इस संयंत्र की स्थापना से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इसके साथ ही, भारत के विमानन उद्योग में विविधता भी आएगी जो पहले ज्यादातर बेंगलुरु, हैदराबाद और बेलगाम में केंद्रित थी। इस परियोजना से न केवल कुशल कार्यबल का निर्माण होगा बल्कि सहायक उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
4. भारत के विमानन बुनियादी ढांचे में सुधार
इस परियोजना के तहत भारतीय वायुसेना के कर्मियों के लिए प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण भी किया जाएगा, ताकि वे C295 विमान का संचालन और रखरखाव कुशलता से कर सकें। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ‘स्टिक होल्डिंग डिपो’ और आगरा के एयरफोर्स स्टेशन पर एक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रकार का बुनियादी ढांचा भारत के नागरिक और सैन्य विमानन उद्योग को एक नई दिशा देगा, जो वर्तमान में विदेशी कंपनियों द्वारा संचालित है।
5. निर्यात और वैश्विक विमानन में भारत की भूमिका
यह परियोजना भारत को वैश्विक विमानन बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 56 विमानों की डिलीवरी के बाद, भारत में निर्मित विमान को विदेशों में निर्यात करने की भी अनुमति दी जाएगी। यह पहल भारत को ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन के तहत वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगी।
C295 परियोजना भारतीय रक्षा, विमानन और रोजगार क्षेत्र में बड़ा योगदान देगी। भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक बड़ा कदम है, जिससे भारत भविष्य में भी ऐसे और प्रोजेक्ट्स के लिए तैयार होगा।
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