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Air Force Mirage Jet Crashes: वायुसेना का मिराज 2000 जेट मध्य प्रदेश में क्रैश, दोनों पायलट सुरक्षित! जानें पूरी खबर

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भारत की रक्षा शक्ति के अहम स्तंभों में से एक मिराज 2000 लड़ाकू विमान आज एक दुर्घटना का शिकार हो गया। भारतीय वायुसेना (IAF) का यह ट्रेनर जेट गुरुवार को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में क्रैश हो गया। गनीमत रही कि दोनों पायलट सुरक्षित बच निकले और कोई हताहत नहीं हुआ।

कैसे हुआ यह हादसा?

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, तकनीकी खराबी इस क्रैश की संभावित वजह मानी जा रही है। हालांकि, वायुसेना ने घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए हैं।

मिराज 2000: भारतीय वायुसेना का भरोसेमंद योद्धा

मिराज 2000 भारतीय वायुसेना का एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है, जिसने 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी कई महत्वपूर्ण अभियानों में अहम भूमिका निभाई थी। यह फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित है और 1985 से IAF का हिस्सा रहा है।

लेकिन सवाल उठता है कि क्या भारतीय वायुसेना के पुराने हो रहे जेट अब सुरक्षित नहीं हैं?

IAF में बढ़ते विमान हादसे: आंकड़े डराने वाले हैं

वायुसेना में विमान हादसों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन रही है। रक्षा मामलों की स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट के अनुसार:

2017-2022 की अवधि में वायुसेना में 34 विमान हादसे हुए।
2018-19 में सबसे ज्यादा 11 क्रैश हुए।
2021-22 में 9 हादसों ने फिर से खतरे की घंटी बजा दी।
मुख्य कारणों में 19 क्रैश पायलट की गलती से, 9 तकनीकी खराबी से, और बाकी अन्य कारणों से हुए।

IAF के पुराने जेट्स की सुरक्षा पर सवाल

वायुसेना लगातार अपने फाइटर जेट्स को अपग्रेड कर रही है, लेकिन पुराने होते विमानों के कारण मिराज 2000 जैसे कई एयरक्राफ्ट सवालों के घेरे में आ गए हैं।

2019 में मिराज 2000 का एक और ट्रेनर वर्जन बेंगलुरु में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक पायलट की जान चली गई थी।

इसके अलावा, Mi-17V5 हेलीकॉप्टर का दिसंबर 2021 में क्रैश होना, जिसमें CDS जनरल बिपिन रावत सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी, यह दर्शाता है कि भारतीय वायुसेना को अपने पुराने हो चुके विमानों को जल्द से जल्द अपग्रेड करने की जरूरत है।

क्या सरकार लेगी जरूरी कदम?

भारत सरकार पहले ही राफेल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों की खरीद के जरिए वायुसेना को मजबूत कर रही है, लेकिन पुराने मिराज, मिग-21 और अन्य जेट्स को बदलने की प्रक्रिया तेज करनी होगी।

IAF की सुरक्षा नीति में बदलाव और तकनीकी उन्नयन के बिना, ऐसे हादसों का दोहराव संभव है।

मिराज 2000 की यह दुर्घटना सिर्फ एक टेक्निकल फॉल्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह IAF की एविएशन सेफ्टी को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।

क्या भारत अपनी वायुसेना को आधुनिक और सुरक्षित बना पाएगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन अभी जरूरत है फाइटर जेट्स की सख्त निगरानी और अपग्रेडेशन की।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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