शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी: सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट के पीछे क्या हैं कारण? जानिए पूरी डिटेल

निफ्टी का 22,970 स्तर टूटने पर और गहरा सकता है संकट, समझें वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और FII बिकवाली का बाजार पर प्रभाव।

The trend of decline in the stock market continues
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भारतीय शेयर बाजार में मंदी का सिलसिला बुधवार, 12 फरवरी 2025 को भी जारी रहा। सेंसेक्स 905.21 अंक गिरकर 75,388.39 के स्तर पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी 50 ने 23,000 का महत्वपूर्ण आंकड़ा छोड़ते हुए 22,798.35 तक लुढ़क गया। निफ्टी में 273.45 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। यह सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं, बल्कि मध्यम और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी भारी बिकवाली देखी गई।

बड़े शेयरों पर मंडराया संकट

ज़ोमैटो, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, अडानी पोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, पावर ग्रिड, आईटीसी, एक्सिस बैंक, और एशियन पेंट्स जैसे प्रमुख शेयरों में 2% से 3% तक की गिरावट दर्ज हुई। अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, टाइटन, एसबीआई, टाटा मोटर्स, नेस्ले इंडिया, और एचडीएफसी बैंक जैसे शेयर भी लाल निशान में रहे। मध्यम कंपनियों का सूचकांक (मिडकैप) 2.5% और छोटी कंपनियों का सूचकांक (स्मॉलकैप) 3% नीचे चला गया।

गिरावट के प्रमुख कारण

फॉरविस मज़ार्स इंडिया के वित्तीय सलाहकार अखिल पुरी के मुताबिक, “अमेरिकी बॉन्ड पर बढ़ती ब्याज दर, मजबूत डॉलर और कमजोर रुपये ने विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार से दूर किया है। इसके अलावा, उपभोक्ता सामान, ऑटोमोबाइल और निर्माण क्षेत्र की कंपनियों के निराशाजनक नतीजों ने निवेशकों का भरोसा डिगाया है।”

तकनीकी नजरिया: निफ्टी के लिए 22,970 है अहम

तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी का 23,400 के सपोर्ट स्तर से नीचे आना चिंताजनक संकेत है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विशेषज्ञ नागराज शेट्टी ने बताया, “निफ्टी के चार्ट पर ‘लोअर टॉप एंड बॉटम’ का पैटर्न बना है। अगर यह 22,970 के स्तर को तोड़ता है, तो बाजार में और तेज गिरावट आ सकती है।”

वैश्विक मोर्चे पर चिंताएं

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ योजना ने वैश्विक बाजारों को हिला दिया है। कनाडा और यूरोपीय संघ ने इन योजनाओं का विरोध करते हुए ‘जवाबी कार्रवाई’ की चेतावनी दी है। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय शेयरों को बेच रहे हैं। फरवरी में अब तक FII ने 17,129 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जो बाजार के मनोबल को गिरा रहा है।

निवेशकों के लिए सलाह

इस उठापटक के दौर में निवेशकों को सब्र और सतर्कता बरतने की जरूरत है। तकनीकी और मौलिक विश्लेषण के आधार पर ही निर्णय लें। छोटे निवेशक मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में निवेश से पहले कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य को जरूर जांचें।

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