सचिन बंसल ने नवी के CEO पद से इस्तीफा दिया; कंपनी के भविष्य की दिशा पर एक नजर

नवी टेक्नोलॉजीज में नेतृत्व परिवर्तन: सचिन बंसल का इस्तीफा और कंपनी की आगामी चुनौतियाँ

Sachin Bansal resigns as CEO of Navi; A look at the future direction of the company
Sachin Bansal resigns as CEO of Navi; A look at the future direction of the company
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मुख्य बिंदु:

  • सचिन बंसल ने नवी टेक्नोलॉजीज और इसकी सहायक कंपनी नवी फिनसर्व के सीईओ पद से इस्तीफा दिया है।
  • यह दूसरी बार है जब बंसल ने अपनी स्थापित कंपनी के नेतृत्व से हटने का निर्णय लिया है; इससे पहले 2018 में फ्लिपकार्ट के वॉलमार्ट द्वारा अधिग्रहण के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था।
  • बंसल नवी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे और कंपनी में उनकी 95% से अधिक हिस्सेदारी है।
  • नवी ने राजीव नरेश को नवी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (NTL) का सीईओ और अभिषेक द्विवेदी को नवी फिनसर्व लिमिटेड (NFL) का सीईओ नियुक्त किया है; दोनों संस्थापक टीम के सदस्य हैं।
  • नवी वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें आरबीआई द्वारा उच्च ब्याज दरों के कारण अस्थायी रूप से ऋण संचालन पर रोक लगाना और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) से संबंधित समस्याएं शामिल हैं।

जब मैंने पहली बार सुना कि सचिन बंसल ने नवी टेक्नोलॉजीज के सीईओ पद से इस्तीफा दिया है, तो यह खबर मेरे लिए चौंकाने वाली थी। फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक के रूप में, बंसल ने भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में क्रांति ला दी थी, और उनके नेतृत्व में नवी ने फिनटेक क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

2018 में, जब वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण किया, तो बंसल ने कंपनी से विदा ली। उस समय, यह निर्णय अप्रत्याशित था, लेकिन उन्होंने जल्द ही नवी टेक्नोलॉजीज की स्थापना करके फिनटेक क्षेत्र में कदम रखा। नवी के माध्यम से, बंसल ने डिजिटल लेंडिंग, होम लोन, म्यूचुअल फंड, और हेल्थ इंश्योरेंस जैसे क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कीं।

हालांकि, नवी के सफर में चुनौतियाँ भी कम नहीं रहीं। पिछले वर्ष, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नवी फिनसर्व सहित चार एनबीएफसी-एमएफआई (NBFC-MFI) कंपनियों पर उच्च ब्याज दरों के कारण ऋण वितरण पर अस्थायी रोक लगा दी थी। यह निर्णय नवी के लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन कंपनी ने तेजी से सुधार करते हुए आरबीआई की चिंताओं को दूर किया और 45 दिनों के भीतर प्रतिबंध हटाने में सफल रही।

नवी ने यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन आरबीआई ने इसे अस्वीकार कर दिया। यह नवी की विस्तार योजनाओं के लिए एक और बाधा थी। इसके अलावा, कंपनी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) की समस्या से भी जूझ रही है, जो किसी भी वित्तीय संस्थान के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

इन चुनौतियों के बीच, बंसल का सीईओ पद से इस्तीफा एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, वह कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कंपनी से जुड़े रहेंगे और उनकी 95% से अधिक हिस्सेदारी नवी में बनी रहेगी। इससे यह स्पष्ट होता है कि वह अभी भी कंपनी की रणनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

नवी ने राजीव नरेश को नवी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (NTL) का सीईओ और अभिषेक द्विवेदी को नवी फिनसर्व लिमिटेड (NFL) का सीईओ नियुक्त किया है। दोनों संस्थापक टीम के सदस्य हैं और कंपनी की संस्कृति और उद्देश्यों को भली-भांति समझते हैं। उनकी नियुक्ति से नवी को नई ऊर्जा और दृष्टिकोण मिलेगा, जो वर्तमान चुनौतियों से निपटने में सहायक होगा।

बंसल का यह कदम उनके दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक है। उन्होंने पहले भी फ्लिपकार्ट से हटकर नवी की स्थापना की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह नए अवसरों की तलाश में रहते हैं और चुनौतियों का सामना करने से नहीं कतराते। उनका यह निर्णय नवी के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकता है, जहां नए नेतृत्व के साथ कंपनी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अग्रसर होगी।

व्यक्तिगत रूप से, मैंने बंसल की यात्रा से यह सीखा है कि एक सच्चा उद्यमी हमेशा नए अवसरों की तलाश में रहता है और चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता रखता है। उनका यह कदम न केवल नवी के लिए, बल्कि भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी प्रेरणास्पद है।

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