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मुंबई के तुषार देशपांडे, तनुश कोटियन: रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐतिहासिक रिकॉर्ड!

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तनुश और तुषार का शानदार प्रदर्शन

दोनों खिलाड़ियों ने मुंबई की टीम के लिए एक अद्वितीय पार्टनरशिप बनाई और मैच के दौरान बारोड़ा की गेंदबाजी का मजाक उड़ाया। कोटियन ने 115 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जबकि देशपांडे ने सिर्फ 112 गेंदों में अपना शतक पूरा किया।

ऐतिहासिक रिकॉर्ड

तनुश और तुषार ने पहली-बार की ऐतिहासिक गतिविधि की, जब नंबर 10 और 11 के बल्लेबाज एक साथ पहली बार शतक लगाने में कामयाब हुए। पहली बार ऐसा 1946 में हुआ था जब भारतीय टीम के हिस्से के रूप में शुते बैनर्जी और चंदु सरवटे ने सररे के खिलाफ शतक लगाया था। यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार हुआ है।

मुंबई की बड़ी जीत

देशपांडे और कोटियन ने मुंबई को बारोड़ा के खिलाफ मैच में बाहर बारोड़ कर दिया, जबकि वे आज चेन्नई में एक बड़े लक्ष्य तय कर चुके हैं। मुंबई ने पहले पारी में 36 रनों का अंतर बना लिया था और उसके बाद से ही बारोड़ा के लिए कठिनाईयों का समय शुरू हो गया है।

निष्कर्ष

मुंबई के तुषार देशपांडे और तनुश कोटियन ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक अनूठा पृष्ठ जोड़ा है। उनकी अद्वितीय पारी ने खेल की उच्चतम स्तर पर एक अनमोल याद बनाई है। इससे प्रेरित होकर युवा खिलाड़ी और खेल प्रेमियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि कभी भी हार मानने के बजाय मेहनत और उत्साह से सामना किया जा सकता है।

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Gunvant

गुणवंत एक अनुभवी पत्रकार और लेखक हैं, जो सटीक और रोचक खबरें प्रस्तुत करने में माहिर हैं। समसामयिक मुद्दों पर उनकी गहरी समझ और सरल लेखन शैली पाठकों को आकर्षित करती है। साथ ही वे क्रिकेट में अपनी रूचि रखते है। गुणवंत का लक्ष्य समाज को जागरूक और प्रेरित करना है। वे हमेशा निष्पक्षता और सच्चाई को प्राथमिकता देते हैं।

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