Shani Chalisa Lyrics in Hindi | श्री शनि चालीसा का महत्व और लाभ साढेसाती और शनि दशा में नियमित करें पाठ

Shani Chalisa Lyrics in Hindi
Shani Chalisa Lyrics in Hindi
WhatsApp Group Join Now

शनि देव की पूजा और शनि चालीसा का पाठ हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। शनि ग्रह का प्रभाव जीवन पर कई प्रकार से देखा जा सकता है, और इसके कठिन समय में भगवान शनि की पूजा को जीवन में समस्याओं के निवारण के रूप में माना जाता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, जो कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। यहां शनि चालीसा, इसके महत्व, लाभ और शनि पूजा के महत्व की जानकारी दी गई है।

शनि देव कौन हैं?

शनि देव हिन्दू धर्म के नवग्रहों में से एक हैं और इन्हें न्यायाधीश कहा जाता है। शनिदेव सूर्यदेव और छाया के पुत्र हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनकी दृष्टि जिस पर पड़ जाए, उसके जीवन में कठिनाइयां और चुनौतियां बढ़ सकती हैं। इसी कारण उनकी कृपा प्राप्त करने और उनके प्रकोप से बचने के लिए उनकी पूजा की जाती है। शनि चालीसा का पाठ उनके आशीर्वाद को पाने का एक प्रमुख माध्यम है।

शनि चालीसा का महत्व

शनि चालीसा का पाठ करने से भक्तों को कई लाभ होते हैं। यह चालीसा भगवान शनिदेव की स्तुति में रची गई 40 छंदों की एक रचना है, जो भक्तों को शनि दोष से मुक्त कर सकते हैं। इसका नियमित पाठ करने से भक्तों पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है और उन्हें जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है।

  • शनि दोष निवारण: शनि चालीसा का पाठ कुंडली में मौजूद शनि दोष को कम करने में सहायक माना जाता है।
  • आध्यात्मिक लाभ: भक्तों को मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
  • रोग और कष्ट निवारण: माना जाता है कि इसका पाठ करने से रोगों में आराम मिलता है और जीवन की विभिन्न समस्याएं हल होती हैं​।

शनि चालीसा के लाभ

  • कर्मों का प्रभाव: शनि देव को कर्म फल दाता माना जाता है। उनका मानना है कि व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्राप्त होता है। अच्छे कर्मों पर शनिदेव कृपा करते हैं, जबकि बुरे कर्मों का परिणाम विपरीत होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार: शनि चालीसा के नियमित पाठ से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • कठिन समय में संबल: विशेष रूप से शनि की साढ़ेसाती के समय में शनि चालीसा का पाठ करने से मानसिक और शारीरिक बल मिलता है।

अक्सर लोग शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करते हैं, क्योंकि शनिवार को शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा शनि अमावस्या और शनि जयंती पर भी शनि चालीसा का पाठ किया जाता है​।

Shani Chalisa Lyrics in Hindi | श्री शनि चालीसा

||श्री शनि चालीसा||

दोहा
जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महराज।
करहुं कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।

चौपाई
जयति-जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।

चारि भुजा तन श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।

परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।

कुण्डल श्रवण चमाचम चमकै।
हिये माल मुक्तन मणि दमकै।।

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल विच करैं अरिहिं संहारा।।

पिंगल कृष्णो छाया नन्दन।
यम कोणस्थ रौद्र दुःख भंजन।।

सौरि मन्द शनी दश नामा।
भानु पुत्रा पूजहिं सब कामा।।

जापर प्रभु प्रसन्न हों जाहीं।
रंकहु राउ करें क्षण माहीं।।

पर्वतहूं तृण होई निहारत।
तृणहंू को पर्वत करि डारत।।

राज मिलत बन रामहि दीन्हा।
कैकइहूं की मति हरि लीन्हा।।

बनहूं में मृग कपट दिखाई।
मात जानकी गई चुराई।।

लषणहि शक्ति बिकल करि डारा।
मचि गयो दल में हाहाकारा।।

दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग वीर को डंका।।

नृप विक्रम पर जब पगु धारा।
चित्रा मयूर निगलि गै हारा।।

हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी।।

भारी दशा निकृष्ट दिखाओ।
तेलिहुं घर कोल्हू चलवायौ।।

विनय राग दीपक महं कीन्हो।
तब प्रसन्न प्रभु ह्नै सुख दीन्हों।।

हरिशचन्द्रहुं नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी।।

वैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी मीन कूद गई पानी।।

श्री शकंरहि गहो जब जाई।
पारवती को सती कराई।।

तनि बिलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरि सुत सीसा।।

पाण्डव पर ह्नै दशा तुम्हारी।
बची द्रोपदी होति उघारी।।

कौरव की भी गति मति मारी।
युद्ध महाभारत करि डारी।।

रवि कहं मुख महं धरि तत्काला।
लेकर कूदि पर्यो पाताला।।

शेष देव लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।।

वाहन प्रभु के सात सुजाना।
गज दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना।।

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पत्ति उपजावैं।।

गर्दभहानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा।।

जम्बुक बुद्धि नष्ट करि डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै।।

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी।।

तैसहिं चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लोह चांदी अरु ताम्बा।।

लोह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन सम्पत्ति नष्ट करावैं।।

समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सुख मंगल भारी।।

जो यह शनि चरित्रा नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्राु के नशि बल ढीला।।

जो पंडित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शान्ति कराई।।

पीपल जल शनि-दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत।।

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।

शनि चालीसा का पाठ विधि

शनि चालीसा का पाठ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है:

  • स्वच्छता और पवित्रता: शनि चालीसा का पाठ करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  • नियमितता: नियमित रूप से शनिवार के दिन या प्रतिदिन प्रातःकाल पाठ करना लाभकारी होता है।
  • शनि ग्रह शांति: शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि ग्रह शांति पूजा के साथ शनि चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है।

कहा जाता है कि जो लोग शनि चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा से करते हैं, उन पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है और उनके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं​।

शनि चालीसा के लोकप्रिय छंद

चालीसा के प्रत्येक छंद में शनिदेव की महिमा, उनके द्वारा दिए गए कष्ट और उनके आशीर्वाद का वर्णन है। कुछ प्रमुख छंद इस प्रकार हैं:

  • प्रारंभिक दोहे – चालीसा की शुरुआत गणेश और शनिदेव के वंदना के दोहे से होती है।
  • विक्रमादित्य प्रसंग – यह छंद विक्रमादित्य की कथा बताता है कि कैसे शनि की दशा ने उन्हें मुश्किल में डाला।
  • कुरुक्षेत्र प्रसंग – महाभारत के युद्ध के दौरान शनि की भूमिका का वर्णन करता है।

यह छंद शनि देव की न्यायप्रियता और उनके भक्तों के प्रति दयालुता को दर्शाते हैं। शनि चालीसा के इन छंदों का अध्ययन शनिदेव के गुणों और उनकी शक्ति को समझने में सहायक होता है​।

शनि चालीसा का पाठ और शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। उनके प्रभाव को संतुलित करने के लिए उनकी कृपा की आवश्यकता होती है, जिसे शनि चालीसा के माध्यम से पाया जा सकता है। जीवन में शांति, स्थिरता और खुशहाली के लिए शनि चालीसा का पाठ न केवल कठिन समय में सहारा प्रदान करता है बल्कि व्यक्ति को सकारात्मकता और धैर्य भी देता है।

इस प्रकार, श्री शनि चालीसा का पाठ शनिदेव की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली साधन है, जो जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति दिला सकता है। इसका पाठ करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव करता है​।

यह भी पढ़े: मां बगलामुखी चालीसा जिसे पढ़ने से हो जायेंगे आपके सारे शत्रु परास्त | Maa Baglamukhi Chalisa

Team K.H.
Team K.H. एक न्यूज़ वेबसाइट का लेखक प्रोफ़ाइल है। इस टीम में कई प्रोफेशनल और अनुभवी पत्रकार और लेखक शामिल हैं, जो अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में लेखन करते हैं। यहाँ हम खबरों, समाचारों, विचारों और विश्लेषण को साझा करते हैं, जिससे पाठकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी प्राप्त होती है। Team K.H. का मिशन है समाज में जागरूकता और जानकारी को बढ़ावा देना और लोगों को विश्वसनीय और मान्य स्रोत से जानकारी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here