---Advertisement---

पुरी में शुरू हुई जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: करोड़ों भक्तों की आस्था का संगम, जानिए पूरी जानकारी

By
On:

Follow Us

पुरी, ओडिशा: जब पुरी की पवित्र धरती पर रथ यात्रा का आरंभ होता है, तो केवल रथ ही नहीं चलते-चलती है आस्था, भक्ति और परंपरा की गूंज। इस बार भी 2025 की श्रीजगन्नाथ रथ यात्रा के शुभ अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु पुरी में एकत्रित हुए हैं। मंदिर के 12वीं सदी पुराने गर्भगृह से निकलकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी अपने नवनिर्मित रथों पर सवार होकर गंडिचा मंदिर की ओर रवाना हुए हैं।

यह यात्रा शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू होती है, जो चंद्रमा की बढ़ती रोशनी का प्रतीक है और धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ मानी जाती है।

आस्था का अद्भुत दृश्य: मानव समुद्र में लहराती भक्ति

हमने अपनी टीम के साथ सुबह 4 बजे से ही मैदान में डेरा जमा लिया था। आंखों के सामने हजारों नहीं, लाखों लोग थे — हर उम्र, हर वर्ग के। कुछ हाथ जोड़कर भगवान के दर्शन में लीन थे, तो कुछ भक्त भगवान के रथ को खींचने के लिए बेसब्र। नंदीघोष (जगन्नाथ जी का रथ), तालध्वज (बलभद्र जी का रथ) और दर्पदलन (सुभद्रा जी का रथ) को भक्तों ने लगभग 3 किलोमीटर तक गंडिचा मंदिर तक खींचा।

वहाँ उपस्थित बुजुर्ग भक्त मुझसे कहते हैं। “इस रथ यात्रा में एक झलक पा लेना भी मोक्ष दिला सकता है।” यही वो शक्ति है, जो करोड़ों लोगों को पुरी की ओर खींच लाती है।

यह भी पढ़े: शिव आराधना: महत्व, विधि और लाभ

प्राचीनतम रथ यात्रा और उसका सांस्कृतिक महत्व

जगन्नाथ संस्कृति के प्रसिद्ध विद्वान सूर्यनारायण रथ शर्मा ने IANS से कहा, “यह विश्व की सबसे प्राचीन रथ यात्रा है। माना जाता है कि जो भी इस यात्रा के दौरान भगवान के दर्शन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।” यह न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का जीवंत स्वरूप भी है।

सरकार की तैयारियाँ: हर कोण से सुरक्षा चाक-चौबंद

पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने गुरुवार को बताया था, “हम पूरी तरह तैयार हैं। हर एक प्रक्रिया और व्यवस्था को ध्यानपूर्वक नियोजित किया गया है।” इस वर्ष सुरक्षा के लिए जो व्यवस्था की गई है, वह अपने आप में ऐतिहासिक है:

  • 200 प्लाटून पुलिस बल
  • 8 कंपनियाँ: BSF, CRPF जैसी केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती
  • 10,000 से अधिक जवान (ओडिशा पुलिस, CAPF, होमगार्ड्स)
  • 275 AI-चालित CCTV कैमरे जो पूरे पुरी शहर से लेकर कोणार्क तक निगरानी कर रहे हैं
  • एकीकृत कमांड-एंड-कंट्रोल सिस्टम पहली बार लागू

इन सबके चलते भक्त पूरी श्रद्धा के साथ और सुरक्षित माहौल में अपने आराध्य के दर्शन कर पा रहे हैं।

एक रिपोर्टर की डायरी: भक्ति में डूबा शहर

एक रिपोर्टर होने के नाते मैं रथ यात्रा को कई वर्षों से कवर कर रहा हूँ, लेकिन हर साल कुछ नया अनुभव होता है। इस बार तकनीक और परंपरा का संतुलन देखकर मन प्रसन्न हो गया। ड्रोन कैमरों से लेकर AI-सहायता प्राप्त सुरक्षा प्रणाली तक, यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं रहा। यह आस्था, प्रशासन और आधुनिकता का संगम बन चुका है।

रथ यात्रा 2025: केवल एक उत्सव नहीं, जीवन का अनुभव

यह यात्रा केवल भगवान के रथ खींचने का ही कार्य नहीं है, यह अपने अंदर समर्पण, सेवा और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्वितीय संगम है। अगर आप कभी जीवन में खुद को आध्यात्म से जोड़ना चाहते हैं, तो पुरी की रथ यात्रा एक बार जरूर अनुभव करें।

यह भी पढ़े: Geet Govind with Lyrics: श्री जयदेव कृत अमर काव्य और उसका आध्यात्मिक प्रभाव

Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

For Feedback - [email protected]

Join WhatsApp

Join Now