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हनुमान जी के 108 नाम: संस्कृत में पूरी सूची और लाभ | Hanuman 108 Names in Sanskrit

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भगवान श्री रामचंद्र के परम भक्त श्री हनुमान जी कलियुग के देवता के रूप में जाने जाते हैं। एसी मान्यता है कि जब और कालि काल की चौपाटा में जब कुछ नाशक नाशते की जोरत जाती है, तो उस काल में श्री हनुमान जी भक्ति और राम भक्ति के नाम पर जीवन बांची है।

हनुमान जी की जैवन्ता की मान्यता है कि उन्हें अमरता का वरदान मिला है और एवं काल वैक जीवान्त लोक में राम भक्ति की सेवा में लीन हैं। और यही कारण उन्हें कलियुग की कालचक कारण बनाता है।

जब जीवन की जीवन में कार्य ना चल रहा हो, तो श्री हनुमान जी के 108 नामों का जाप जीवन को अन्नय शक्ति और योग का संचार देता है।

एक मान्यता और युग भी है कि जो जन भक्त श्री हनुमान जी के 108 नामों का जाप करता है वह काल, झल्दी श्री हनुमान जी की कृपा प्राप्त करता है और जीवन की कटिन्बताओं में चमत्कार करती है।

हनुमान जी के 108 नामों का जाप भक्तों के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाओं को भी दूर करता है। हनुमान जी को कलियुग के जीवित देवता माना जाता है, जो अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। उनके 108 नामों का नियमित जाप करने से भय, रोग, शत्रु बाधा, और मानसिक अशांति से मुक्ति मिलती है, साथ ही बुद्धि, बल, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

🕉️ हनुमान जी के 108 नाम (संस्कृत में)

नीचे हनुमान जी के 108 पवित्र नामों की सूची दी गई है, जिन्हें ‘हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली’ कहा जाता है:

  1. ॐ आञ्जनेयाय नमः
  2. ॐ महावीराय नमः
  3. ॐ हनूमते नमः
  4. ॐ मारुतात्मजाय नमः
  5. ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः
  6. ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः
  7. ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः
  8. ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः
  9. ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः
  10. ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः
  11. ॐ परविद्यापरिहाराय नमः
  12. ॐ परशौर्यविनाशनाय नमः
  13. ॐ परमंत्रनिराकर्त्रे नमः
  14. ॐ परयंत्रप्रभेदकाय नमः
  15. ॐ सर्वग्रहविनाशिने नमः
  16. ॐ भीमसेनसहायकृते नमः
  17. ॐ सर्वदुःखहराय नमः
  18. ॐ सर्वलोकचारिणे नमः
  19. ॐ मनोजवाय नमः
  20. ॐ पारिजातद्रुमूलस्थाय नमः
  21. ॐ सर्वमन्त्रस्वरूपवते नमः
  22. ॐ सर्वतन्त्रस्वरूपिणे नमः
  23. ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः
  24. ॐ कपीश्वराय नमः
  25. ॐ महाकायाय नमः
  26. ॐ सर्वरोगहराय नमः
  27. ॐ प्रभवे नमः
  28. ॐ बलसिद्धिकराय नमः
  29. ॐ सर्वविद्यासम्पत्प्रदायकाय नमः
  30. ॐ कपिसेनानायकाय नमः
  31. ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः
  32. ॐ कुमारब्रह्मचारिणे नमः
  33. ॐ रत्नकुण्डलदीप्तिमते नमः
  34. ॐ चञ्चलद्वालसन्नद्धलम्बमानशिखोज्वलाय नमः
  35. ॐ गन्धर्वविद्यातत्वज्ञाय नमः
  36. ॐ महाबलपराक्रमाय नमः
  37. ॐ काराग्रहविमोक्त्रे नमः
  38. ॐ शृङ्खलाबन्धमोचकाय नमः
  39. ॐ सागरोत्तारकाय नमः
  40. ॐ प्राज्ञाय नमः
  41. ॐ रामदूताय नमः
  42. ॐ प्रतापवते नमः
  43. ॐ वानराय नमः
  44. ॐ केसरीसुताय नमः
  45. ॐ सीताशोकनिवारकाय नमः
  46. ॐ अञ्जनागर्भसंभूताय नमः
  47. ॐ बालार्कसदृशाननाय नमः
  48. ॐ विभीषणप्रियकराय नमः
  49. ॐ दशग्रीवकुलान्तकाय नमः
  50. ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः
  51. ॐ वज्रकायाय नमः
  52. ॐ महाद्युतये नमः
  53. ॐ चिरञ्जीविने नमः
  54. ॐ रामभक्ताय नमः
  55. ॐ दैत्यकार्यविघातकाय नमः
  56. ॐ अक्षहन्त्रे नमः
  57. ॐ काञ्चनाभाय नमः
  58. ॐ पञ्चवक्त्राय नमः
  59. ॐ महातपसे नमः
  60. ॐ लङ्किनीभञ्जनाय नमः
  61. ॐ श्रीमते नमः
  62. ॐ सिंहिकाप्राणभञ्जनाय नमः
  63. ॐ गन्धमादनशैलस्थाय नमः
  64. ॐ लङ्कापुरविदाहकाय नमः
  65. ॐ सुग्रीवसचिवाय नमः
  66. ॐ धीराय नमः
  67. ॐ शूराय नमः
  68. ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः
  69. ॐ सुरार्चिताय नमः
  70. ॐ महातेजसे नमः
  71. ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः
  72. ॐ कामरूपिणे नमः
  73. ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः
  74. ॐ वार्धिमैनाकपूजिताय नमः
  75. ॐ कबळीकृतमार्तण्डमण्डलाय नमः
  76. ॐ विजितेन्द्रियाय नमः
  77. ॐ रामसुग्रीवसन्धात्रे नमः
  78. ॐ महारावणमर्दनाय नमः
  79. ॐ स्फटिकाभाय नमः
  80. ॐ वागधीशाय नमः
  81. ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः
  82. ॐ चतुर्बाहवे नमः
  83. ॐ दीनबन्धवे नमः
  84. ॐ मायात्मने नमः
  85. ॐ भक्तवत्सलाय नमः
  86. ॐ संजीवननगायार्थाय नमः
  87. ॐ शुचये नमः
  88. ॐ वाग्मिने नमः
  89. ॐ दृढव्रताय नमः
  90. ॐ कालनेमिप्रमथनाय नमः
  91. ॐ हरिमर्कटमर्कटाय नमः
  92. ॐ दान्ताय नमः
  93. ॐ शान्ताय नमः
  94. ॐ प्रसन्नात्मने नमः
  95. ॐ शतकण्ठमदापहर्त्रे नमः
  96. ॐ योगिने नमः
  97. ॐ रामकथालोलाय नमः
  98. ॐ सीतान्वेषणपण्डिताय नमः
  99. ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः
  100. ॐ वज्रनखाय नमः
  101. ॐ रुद्रवीर्यसमुद्भवाय नमः
  102. ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्रविनिवारकाय नमः
  103. ॐ पार्थध्वजाग्रसंवासिने नमः
  104. ॐ शरपञ्जरभेदकाय नमः
  105. ॐ केसरीनन्दनाय नमः
  106. ॐ अनघाय नमः
  107. ॐ अकायाय नमः
  108. ॐ तत्त्वगम्याय नमः
  109. ॐ लङ्कारये नमः

(नोट: 108 नामों की गिनती में कई बार अलग-अलग स्रोतों से थोड़ी भिन्नता मिल सकती है, लेकिन उपरोक्त सूची सामान्य रूप से प्रचलित है।)

हनुमान जी के 108 नाम जप का महत्व

हनुमान जी की उपासना में नामजप का विशेष स्थान है। विशेष रूप से इन 108 नामों के नियमित जप से:

  • मन की चंचलता दूर होती है।
  • भय, रोग, शत्रु बाधाएं समाप्त होती हैं।
  • आत्मबल, बुद्धिबल और शौर्य की वृद्धि होती है।
  • घर-परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
  • रामभक्ति की ओर मन प्रवृत्त होता है।

नाम जप की विधि:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. अपने पूजा स्थान पर श्रीराम और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  3. चंदन या रोली से तिलक करें।
  4. “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र से प्रारंभ करें।
  5. अब ऊपर बताए गए 108 नामों का जप करें। चाहें तो माला का उपयोग करें।

धार्मिक संदर्भ और पुराणों में उल्लेख:

  • वाल्मीकि रामायण, सुन्दरकाण्ड और हनुमान चालीसा जैसे ग्रंथों में हनुमान जी की महिमा का गान किया गया है।
  • शिव पुराण में बताया गया है कि हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार हैं।
  • हनुमान जी के नामजप से भक्तों के सभी पाप और संकट दूर होते हैं, और आत्मा को शांति मिलती है।

सप्ताह के दिन और हनुमान भक्ति:

  • मंगलवार: शक्ति और उत्साह का दिन, हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने का दिन।
  • शनिवार: शनि दोष, साढ़ेसाती, कालसर्प दोष आदि को दूर करने के लिए विशेष प्रभावी।
  • बुधवार और गुरुवार: बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि हेतु लाभकारी।

विशेष संकेत:

  • बच्चों और छात्रों के लिए हनुमान जी की भक्ति से बुद्धिबल, स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • हनुमान जी के नामों का जाप रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  • नौकरी, कोर्ट-कचहरी, परीक्षा आदि में सफलता के लिए इन नामों का जाप अचूक उपाय है।

हनुमान जी के 108 नामों का जाप न केवल आध्यात्मिक उन्नति का साधन है, बल्कि यह मानसिक शांति, जीवन में स्थिरता और परमात्मा से संबंध की अनुभूति कराता है। इन नामों का अर्थ समझकर, श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करना अत्यंत कल्याणकारी होता है।

जो कोई भक्त सच्चे मन से हनुमान जी के इन नामों का स्मरण करता है, उसे भय, दुख, रोग, बाधा आदि कुछ भी छू नहीं सकता।

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Laxman Mishra

पंडित लक्ष्मण मिश्रा एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य हैं, जो वैदिक ज्योतिष, कुंडली विश्लेषण, विवाह योग, धन योग और वास्तु शास्त्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी सटीक भविष्यवाणियाँ और उपाय अनगिनत लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुके हैं। वे ज्योतिष को तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर, लोगों को सही मार्गदर्शन प्रदान करने में विश्वास रखते हैं। अगर आप अपने जीवन से जुड़ी किसी समस्या का समाधान चाहते हैं, तो पंडित लक्ष्मण मिश्रा से परामर्श अवश्य लें।

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