Key Highlights
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने पीएम मोदी से की बातचीत
- पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले पर जताया दुख
- 26 निर्दोष लोगों की मौत पर जताई गहरी संवेदना
- दोनों देशों के बीच सहयोग और संवाद जारी रखने पर सहमति
UK PM का पीएम मोदी को कॉल: संवेदनाओं से जुड़ी यह बातचीत रही बेहद अहम
नई दिल्ली: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ भारत को बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद घटना में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिसने हर संवेदनशील इंसान के दिल को दहला दिया। इसी कड़ी में ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और इस भयावह घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की।
10 डाउनिंग स्ट्रीट से जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री स्टारमर ने बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को हुआ आतंकी हमला बेहद भयावह था। 26 निर्दोष लोगों की मौत की खबर से मैं और ब्रिटेन के लोग बहुत आहत हैं।”
यह बातचीत सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से भरी थी। यह उस समय की बात है जब दुनिया तेजी से बदल रही है और वैश्विक आतंकवाद एक बार फिर सिर उठा रहा है। कीर स्टारमर ने न केवल अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिटेन भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
दोनों नेताओं ने इस दुखद घटना को लेकर गहराई से चर्चा की और भविष्य में दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग बनाए रखने की बात पर सहमति जताई।
एक मानवीय जुड़ाव की मिसाल
प्रधानमंत्री मोदी और कीर स्टारमर की यह बातचीत सिर्फ दो देशों के नेताओं के बीच संवाद नहीं थी, बल्कि दो लोकतंत्रों के बीच साझा मानवीय मूल्यों की अभिव्यक्ति थी। यह बातचीत दर्शाती है कि जब कहीं भी आतंकवाद हमला करता है, तो उसका दर्द सीमाओं से परे जाता है।
ब्रिटेन की तरफ से यह प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि वैश्विक स्तर पर भारत की आंतरिक सुरक्षा स्थितियों पर नजर रखी जा रही है और ऐसे समय में जब देश किसी आघात से गुजर रहा हो, अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सहानुभूति कितनी अहम होती है।
यह घटना भारत के लिए केवल एक आतंकी हमला नहीं है, बल्कि एक चेतावनी है कि सुरक्षा को लेकर अब और सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय समर्थन से यह भी स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता आज भी मजबूत है।
यह संवाद दिखाता है कि भारत और ब्रिटेन के रिश्ते केवल व्यापार या राजनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और साझा मूल्यों पर आधारित हैं।
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