ठाणे: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को ठाणे में एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन और मनोज जरांगे पाटील की भूमिका पर अपनी राय रखी।
राज ठाकरे से जब पत्रकारों ने आंदोलन और जरांगे पाटील के सवाल पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कहा, “मराठा आरक्षण से जुड़े सभी सवालों का जवाब राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही दे सकते हैं। जरांगे परत क्यों आए, इसका जवाब भी वही देंगे।”
जरांगे वापिस क्यों आए?
राज ठाकरे के इस बयान से अब राजनीतिक हलकों में नए सवाल खड़े हो गए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर शिंदे की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछली बार जब मनोज जरांगे पाटील मुंबई की ओर आंदोलन लेकर बढ़ रहे थे, तब शिंदे ने नवी मुंबई जाकर मसला सुलझा लिया था। फिर अब यह आंदोलन दोबारा क्यों शुरू हुआ?
यह सवाल उठाकर राज ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी नजर में जिम्मेदारी सरकार और विशेषकर शिंदे पर है।
आंदोलन से मुंबईकरों को परेशानी
जब पत्रकारों ने आंदोलन के कारण मुंबईवासियों को हो रही परेशानियों के बारे में सवाल पूछा, तो राज ठाकरे ने फिर से शिंदे की ही ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि अगर पिछली बार मामला सुलझा लिया गया था, तो अब यह स्थिति दोबारा क्यों बनी? इसका खामियाजा आखिरकार आम मुंबईकरों को ही भुगतना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़
राज ठाकरे का यह बयान महज एक प्रतिक्रिया नहीं बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ लाने वाला माना जा रहा है। मराठा आरक्षण का प्रश्न लंबे समय से अधूरा है और समय-समय पर आंदोलन खड़े होते रहे हैं। लेकिन इस बार राज ठाकरे ने सीधे-सीधे शिंदे को जिम्मेदार ठहराकर राजनीतिक चर्चा को और तेज कर दिया है।
लोगों के मन में उठ रहे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। अगर पिछली बार समस्या का हल निकला था, तो यह आंदोलन फिर क्यों भड़का? क्या शिंदे सरकार इस बार ठोस समाधान दे पाएगी? और मनोज जरांगे पाटील आंदोलन पर दोबारा क्यों उतरे? आने वाले दिनों में इन सवालों के जवाब सामने आएंगे।







