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PM मोदी की ‘Law of Distraction’ रणनीति: कैसे ऑपरेशन सिन्दूर ने पाकिस्तान को चौंका दिया?

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Key Highlights:

  • पीएम मोदी ने Pahalgam हमले के तुरंत बाद सऊदी यात्रा बीच में छोड़ी
  • ‘Operation Sindoor’ की तैयारी के बीच देश में सामान्य स्थिति दर्शाने की रणनीति अपनाई गई
  • पाकिस्तान को चकमा देने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों, व्यापार समझौते और सैन्य ड्रिल की घोषणाएं की गईं
  • 9 आतंकी ठिकानों पर हमले से पाकिस्तान पूरी तरह चौंक गया

Decoding PM Modi’s Law Of Distraction:

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। 26 लोगों की निर्मम हत्या के बाद देश में गुस्सा था, लोग जवाब चाहते थे। इस सबके बीच, जो सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला पहलू था—वो था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सामान्य’ बने रहना।

लेकिन ये सिर्फ़ सामान्य बने रहना नहीं था, बल्कि एक रणनीतिक चुप्पी थी। जिसे अब “PM Modi’s Law of Distraction” कहा जा रहा है। यह रणनीति ऑपरेशन सिन्दूर की ज़मीन तैयार कर रही थी।

ऑपरेशन सिन्दूर: पाकिस्तान को चौंकाने वाली रणनीति

जब देश के लोग बदले की मांग कर रहे थे, तभी पीएम मोदी ने सऊदी यात्रा बीच में छोड़ी और सुरक्षा एजेंसियों के साथ गुप्त बैठकों की शुरुआत की। लेकिन सार्वजनिक मंच पर वो सामान्य गतिविधियों में व्यस्त नज़र आए।

ध्यान भटकाने की योजना

पाकिस्तान को भ्रम में रखने के लिए मोदी सरकार ने एक के बाद एक बड़े ऐलान किए, जिनसे लग रहा था कि भारत जवाबी कार्रवाई की जगह विकास पर ध्यान दे रहा है:

  • 1 मई: मुंबई में WAVES 2025 समिट में हिस्सा लिया और भारत की ‘ऑरेंज इकॉनॉमी’ का उल्लेख किया।
  • 2 मई: केरल के तिरुवनंतपुरम में ₹8,800 करोड़ का Vizhinjam पोर्ट राष्ट्र को समर्पित किया।
  • 5 मई: देशभर के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आदेश दिया गया।
  • 6 मई: भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की घोषणा की गई।
  • 6 मई: एक प्रमुख मीडिया समिट को संबोधित किया।
  • 7 मई: राजस्थान में भारतीय वायुसेना का मेगा मिलिट्री एक्सरसाइज (NOTAM) घोषित किया गया।

इन सबकी घोषणा सोशल मीडिया और सरकारी चैनलों के ज़रिए होती रही, जिससे यह संदेश गया कि भारत अपने विकास और कूटनीतिक कार्यों में व्यस्त है।

जब हमला हुआ तो पाकिस्तान देखता रह गया

7 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तान पूरी तरह से असमंजस में था। वहां की मीडिया और स्थानीय लोगों ने खुद अपनी सरकार से सवाल पूछे कि भारत ने कब और कैसे हमला कर दिया?

यह हमला न केवल सैन्य दृष्टिकोण से सटीक था, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी पाकिस्तान को झटका देने वाला साबित हुआ।

‘Sindoor’: बदले की भावना में लिपटा नाम

एक शहीद की पत्नी ने कहा, “सिन्दूर नाम से यह स्पष्ट हुआ कि यह हमला व्यक्तिगत था। यह बदले की आग से निकला फैसला था।” यह सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं था, यह भारतीय नागरिकों के गुस्से और सरकार की गंभीरता का मिला-जुला संदेश था।

विदेश मंत्रालय (MEA) और रक्षा बलों ने ‘Strategic Silence’ को अपनाया। पाकिस्तान की UNSC में की गई ब्रिफिंग का कोई जवाब तक नहीं दिया गया। इससे पाकिस्तान को लगा कि भारत अभी भी जवाबी कार्रवाई की योजना बना रहा है। जबकि तैयारी पूरी हो चुकी थी।

PM Modi’s Law of Distraction एक नया सिद्धांत नहीं है, लेकिन इसका प्रयोग पहली बार इतनी प्रभावशीलता से देखा गया। भारत ने एक तरफ वैश्विक मंचों पर अपनी मौजूदगी को मज़बूत किया, वहीं दूसरी तरफ आतंक के खिलाफ जवाब भी दिया। चुपचाप, लेकिन ज़ोरदार ढंग से।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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