PM Modi की ग्रेजुएशन डिग्री को लेकर लोग काफी उत्साहित रहते हैं लेकिन आज तक किसी को नहीं पता चलाता है कि, हमारे देश के PM Mod ने कौन सी पढ़ाई की है। जानकारी के लिए बता दें कि, PM Modi की ग्रेजुएशन डिग्री से संबंधित जानकारी का पता यानी कि खुलासा करने को लेकर केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
बता दे कि, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेशों को चुनौती दी थी सीआईसी ने 2016 में दायर एक RTI याचिका के आधार पर दिल्ली यूनिवर्सिटी को PM Mod की ग्रेजुएशन डिग्री से संबंधित जानकारी करने का निर्देश दिया गया था।
‘शैक्षणिक रिकॉर्ड और डिग्री का खुलासा करना अनिवार्य नहीं’
दिल्ली हाई कोर्ट के जज सचिन दत्ता के निर्देश पर शैक्षणिक रिकॉर्ड और डिग्री का खुलासा करना अनिवार्य नहीं है। वहीं दूसरी तरफ PM Modi के एकेडमिक रिकॉर्ड के खुलासे को लेकर यह कानूनी लड़ाई बहुत दिन से चली आ रही है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत आवेदन दाखिल करने के बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने 1978 में बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त की और इसी के साथ 21 दिसंबर, 2016 को अनुमति दे दी। बता दें कि, PM Mod ने भी यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

CIC ने दिया था डिग्री सार्वजनिक करने का आदेश
यूनिवर्सिटी ने तीसरे पक्ष से संबंधित जानकारी साझा न करने के नियमों का हवाला देते हुए \अस्वीकार कर दिया गया है। लेकिन मुख्य सूचना आयोग ने इसे स्वीकर नहीं किया है। बता दें, दिसंबर 2016 में डीयू को निरीक्षण की अनुमति दी गई थी। जिसे लेकर सीआईसी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति देखा जाए तो देश के प्रधानमंत्री की डिग्री सबके सामने होनी चाहिए। सीआईसी ने यह भी कहा कि इस जानकारी वाले रजिस्टर को एक सार्वजनिक दस्तावेज माना जाएगा।
इसी घोषणा के खिलाफ यूनिवर्सिटी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां उसका प्रतिनिधि भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और उनकी कानूनी टीम ने किया। बता दें कि, तुषार मेहता ने यह बताया कि, अगर डेटा जारी कर दिया गया तो वे खतरनाक साबित हो सकता है। जिससे सरकारी अधिकारियों के कामकाज में काफी प्रभाव पड़ेगा। आगे कहा कि कुछ लोग राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर रिकॉर्ड जारी करने की वकालत कर रहे हैं।
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