Key Highlights (मुख्य बिंदु)
- पहलगाम के बैसरण वैली में आतंकवादी हमला, 28 पर्यटकों की मौत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़ी, भारत लौटेंगे
- घटना के समय अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे
- घायलों को हेलिकॉप्टर से निकाला गया, ग्राफिक वीडियो वायरल
- “कश्मीर रेसिस्टेंस” नामक संगठन ने ली जिम्मेदारी
- यह पिछले वर्षों का सबसे बड़ा नागरिकों पर हमला माना जा रहा
पहलगाम आतंकी हमला LIVE: पीएम मोदी सऊदी दौरा बीच में छोड़ेंगे, नौसेना अधिकारी समेत 26 मारे गए
स्थान: बैसरण वैली, पहलगाम — वो दोपहर लगभग 3 बजे की थी, जब बैसरण की हरियाली में खुशियाँ मना रहे परिवारों पर मौत ने धावा बोल दिया। एक पल पहले तक बच्चे घोड़े पर सवार थे, महिलाएं मोबाइल से फोटो ले रही थीं और गाइड पहाड़ी किस्से सुना रहा था… तभी अचानक गोलियों की आवाज़ गूंज उठी।
घने देवदार के जंगलों से आए हथियारबंद आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। चीख-पुकार, खून से सनी ज़मीन और बदहवास दौड़ते लोग—ये मंजर अब भी आंखों के सामने से हटता नहीं।
📌 घटना की पूरी तस्वीर
“हमने सोचा पटाखे चल रहे हैं, लेकिन जब लोग चिल्लाने लगे तब समझ आया—जान बचानी है!” — प्रत्यक्षदर्शी
बैसरण वैली, जो पहलगाम से लगभग 5 किमी दूर है और सिर्फ पैदल या घोड़े से ही पहुंचा जा सकता है, वहां हुए इस आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया। कुल 28 लोग मारे गए, जिनमें एक नौसेना अधिकारी भी शामिल थे। घायलों को हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर श्रीनगर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
हमले की जिम्मेदारी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
“कश्मीर रेसिस्टेंस” नामक संगठन ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें उन्होंने ‘बाहरी लोगों’ की बसाहट के खिलाफ गुस्से को कारण बताया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ‘नृशंस कृत्य’ की कड़ी निंदा करते हुए सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा:
“जो भी इस कृत्य में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो उसी समय भारत यात्रा पर थे, ने भी गहरी संवेदना जताई।
स्थानीयों का डर और जज्बा
स्थानीय टूर गाइड वहीद ने बताया,
“मैं घोड़ों पर घायलों को निकालने पहुंचा। कुछ लोगों की हालत बेहद गंभीर थी।”
एक महिला पर्यटक ने बताया कि उसके पति को सिर में गोली लगी।
“हम घूमने आए थे, पर मौत बहुत करीब से देखकर लौट रहे हैं।”
वर्तमान स्थिति और सैन्य कार्रवाई
घटना के बाद सेना और अर्धसैनिक बलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से पहाड़ी इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी है।
पृष्ठभूमि और क्षेत्रीय सन्दर्भ
1989 से चल रहे कश्मीर में उग्रवाद के दौर में पर्यटकों पर हमले बहुत कम देखने को मिले थे। लेकिन 2019 के बाद, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा और बाहरी नागरिकों को जमीन खरीदने का अधिकार मिला, तब से हालात फिर बदलने लगे हैं। बैसरण, जो ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहलाता है, अब दहशत और खौफ का पर्याय बन गया है।
अब सवाल देश की आंतरिक सुरक्षा का है
यह हमला केवल पहलगाम या कश्मीर का मामला नहीं है। यह देश की आंतरिक सुरक्षा पर सीधा प्रहार है। यह केवल आंकड़ा नहीं, 28 परिवारों का जीवन बदल देने वाला सच है। सवाल उठता है: क्या हम सुरक्षित हैं?