आज सुबह जैसे ही शेयर बाजार खुला, इंडसइंड बैंक के शेयर अचानक 6% से ज्यादा टूट गए। ये गिरावट इतनी तीव्र थी कि खुद को लंबे समय से शेयर होल्ड करने वाले निवेशकों के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी। मैं भी उनमें से एक हूं, जिसने कुछ समय पहले ही IndusInd में निवेश किया था, और आज स्क्रीन पर Rs 775.40 का लो देखकर मानो दिल बैठ गया।
लेकिन यह अचानक गिरावट क्यों? इसकी वजह है एक और फॉरेंसिक ऑडिट वो भी ₹600 करोड़ की गड़बड़ी के मामले में। ये वही गड़बड़ी है जो बैंक की माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में सामने आई है। Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गड़बड़ी फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की ऑडिट के दौरान पकड़ी गई थी।
क्या है पूरा मामला?
बैंक के ऑडिटर्स ने Companies Act 2013 की धारा 143(12) के तहत संदेह जताया है कि अकाउंटिंग में कुछ गड़बड़ है। अब इस पूरे मामले की जांच के लिए EY (Ernst & Young) को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह दूसरी बार है जब बैंक पर गंभीर ऑडिट हो रही है। इससे पहले डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में गड़बड़ी सामने आई थी, जिसकी बाहरी जांच PwC ने की थी। उसमें ₹1,979 करोड़ की निगेटिव इम्पैक्ट की बात कही गई थी। मार्च 2024 में बैंक ने खुद इस इम्पैक्ट को ₹1,530 करोड़ बताया था।
Q4 FY25 का प्रदर्शन कैसा रहा?
- नेट एडवांस में 5.2% की गिरावट दर्ज हुई।
- कॉरपोरेट बैंकिंग में 15.1% की तिमाही गिरावट।
- कंज्यूमर सेगमेंट में 6.3% सालाना और 3.4% तिमाही बढ़त।
- डिपॉजिट में 0.4% की हल्की तिमाही बढ़ोतरी।
- CASA Ratio घटकर 32.8% रह गया, जो पिछले साल 37.9% था।
इन आंकड़ों से साफ है कि बैंक की स्थिति पहले जितनी मजबूत नहीं रह गई है। निवेशकों का भरोसा हिलने लगा है, और इसकी झलक शेयर की कीमत में साफ नजर आई।
निवेशक क्या करें?
अब सवाल ये उठता है। क्या हमें IndusInd Bank के शेयर होल्ड करने चाहिए?
अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं, तो ये समय सतर्क रहने का है। जब तक जांच पूरी नहीं होती और बैंक क्लीन चिट नहीं देता, तब तक जोखिम बना रहेगा। जो निवेशक शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कर रहे हैं, उनके लिए यह गिरावट मौका भी बन सकती है, लेकिन यह फैसला खुद के रिस्क प्रोफाइल के अनुसार लें।
इंडसइंड बैंक के सामने यह संकट उसकी पारदर्शिता और गवर्नेंस पर बड़ा सवालिया निशान लगा रहा है। लगातार दो बार गंभीर ऑडिट, और हजारों करोड़ की गड़बड़ी निवेशकों के विश्वास को झकझोर रही है। इस स्थिति में जानकारी और समझदारी से ही निवेश का फैसला लेना होगा।
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