मुख्य बिंदु:
- पहल्गाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या।
- PM मोदी ने सेना को कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता दी।
- उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय।
- पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाए गए।
- स्थानीय लोगों ने पीड़ितों की मदद में निभाई अहम भूमिका।
पहल्गाम आतंकी हमले पर PM मोदी का कड़ा संदेश: सेना को मिली पूरी छूट
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम स्थित बैसारन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश हिंदू थे। हमलावरों ने लोगों की पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाया, जिससे यह हमला और भी भयावह बन गया।
हमले के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौटे और 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के बाद, PM मोदी ने स्पष्ट किया कि भारतीय सशस्त्र बलों को इस हमले का जवाब देने के लिए समय, स्थान और तरीके चुनने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने कहा, “यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है कि हम आतंकवाद को करारा जवाब देंगे।”
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नए चेहरे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) का हाथ है। हालांकि पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है, लेकिन TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली है।
हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें पाकिस्तानियों के लिए वीजा निलंबन, इंदुस जल संधि को निलंबित करना, और पाकिस्तान के सैन्य सलाहकारों को भारत से निष्कासित करना शामिल है।
स्थानीय लोगों ने भी इस संकट की घड़ी में पीड़ितों की मदद की। कई स्थानीय पोनीवालों ने घायल पर्यटकों को अस्पताल पहुंचाया, जबकि कश्मीर के गुरुद्वारों ने पर्यटकों को आश्रय दिया।
यह हमला न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें और अधिक सतर्क और संगठित होने की आवश्यकता है। PM मोदी का यह निर्णय कि सेना को पूरी स्वतंत्रता दी जाए, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पहल्गाम आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। PM मोदी का सेना को कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता देना, आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दर्शाता है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में भारत इस चुनौती का सामना कैसे करता है और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को कैसे आगे बढ़ाता है।
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