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दक्षिण एशिया में बढ़ते तनाव पर OIC की चिंता: क्या कश्मीर मुद्दे का समाधान ही शांति की कुंजी है?

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मुख्य बिंदु:

  • OIC समूह की चिंता: न्यूयॉर्क स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) समूह ने दक्षिण एशिया में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
  • भारत-पाकिस्तान तनाव: भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों के कारण क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में गिरावट आई है।
  • OIC की अपील: OIC समूह ने भारत से आक्रामक बयानबाजी और कार्रवाइयों को रोकने का आग्रह किया है, जो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बन सकती हैं।

कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना क्षेत्रीय शांति संभव नहीं: OIC

नई दिल्ली, 6 मई 2025: दक्षिण एशिया में हालिया घटनाओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। न्यूयॉर्क स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) समूह ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की है। OIC ने भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों को “बेबुनियाद” बताया है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी “द रेजिस्टेंस फ्रंट” ने ली थी, जिसे भारत ने पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा बताया है। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए, जिनमें इंडस जल संधि का निलंबन, वीजा सेवाओं का स्थगन और सीमा पार व्यापार का बंद होना शामिल है।

OIC की प्रतिक्रिया

OIC समूह ने कहा है कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति तभी संभव है जब कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार किया जाए। उन्होंने भारत से आग्रह किया है कि वह आक्रामक बयानबाजी और कार्रवाइयों से परहेज करे, जो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बन सकती हैं।

भारत ने OIC के बयानों को “गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया है और कहा है कि OIC जैसे संगठन को इस प्रकार के बयान देने से बचना चाहिए। भारत का कहना है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को संयम और संवाद का रास्ता अपनाना होगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जो दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकता है और क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा दे सकता है।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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