मुख्य बिंदु:
- मॉक ड्रिल का आयोजन: गृह मंत्रालय के निर्देश पर 7 मई को पूरे भारत में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
- DGP का बयान: बिहार के DGP विनय कुमार ने कहा कि यह अभ्यास नागरिकों और उपकरणों की तत्परता की जांच के लिए आवश्यक है।
- जिलों में अभ्यास: बिहार के सभी जिलों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिससे आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावशीलता का मूल्यांकन हो सके।
- लक्ष्य: आपातकालीन स्थितियों में सभी संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया की दक्षता सुनिश्चित करना।
बिहार में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: DGP विनय कुमार का अनुभव
7 मई 2025 को, गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे भारत में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। बिहार में इस अभ्यास का नेतृत्व राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अभ्यास नागरिकों और उपलब्ध उपकरणों की तत्परता की जांच के लिए आवश्यक हैं।
DGP विनय कुमार ने कहा, “ये ड्रिल हमें नागरिकों की तत्परता और उपलब्ध उपकरणों की स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद करती हैं। बिहार के सभी जिलों में, जो सिविल डिफेंस सूची में शामिल हैं, यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिससे आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावशीलता का मूल्यांकन हो सके। इससे यह सुनिश्चित होता है कि वास्तविक आपातकालीन स्थिति में सभी संबंधित एजेंसियां समन्वित और प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।”
VIDEO | Patna: On MHA ordering Civil Defence Mock Drill across the country on Wednesday, Bihar DGP Vinay Kumar says, “These drills help us assess the readiness of civil population and available equipment, and checking whether everything is in order. Mock drills will be conducted… pic.twitter.com/yI9faQRrXw
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2025
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों और प्रशासन की प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना था। इसके तहत विभिन्न परिदृश्यों का अभ्यास किया गया, जैसे कि प्राकृतिक आपदाएं, आग लगना, और अन्य आपातकालीन स्थितियां। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि सभी संबंधित एजेंसियां, जैसे कि पुलिस, फायर ब्रिगेड, और चिकित्सा सेवाएं, आपस में समन्वयित होकर प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
नागरिकों की भागीदारी
इस अभ्यास में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। उन्हें आपातकालीन स्थितियों में सही प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित किया गया, जैसे कि सुरक्षित स्थानों की पहचान, प्राथमिक चिकित्सा, और आपातकालीन सेवाओं को सूचित करना। इससे नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ा और वे आपातकालीन स्थितियों में बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया देने में सक्षम हुए।
DGP विनय कुमार ने बताया कि इस प्रकार के मॉक ड्रिल नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, जिससे आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की निरंतर समीक्षा और सुधार हो सके। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि बिहार में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया देने की क्षमता को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया जाए, जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”
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