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NIA ने संभाला पहलगाम आतंकी हमले की जांच का जिम्मा: जानिए अब तक की बड़ी अपडेट्स

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Key Highlights:

  • NIA ने औपचारिक रूप से पहलगाम आतंकी हमले की जांच अपने हाथ में ली।
  • हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हुई थी दर्दनाक मौत।
  • एनआईए की टीमें बुधवार से मौके पर सबूत जुटाने में लगी हैं।
  • जांच में आई तेजी, आतंकियों के नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश।

NIA ने औपचारिक रूप से संभाली पहलगाम आतंकी हमले की जांच

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों को बेरहमी से गोलियों का निशाना बनाया गया था। अब इस दर्दनाक घटना की जांच की कमान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने औपचारिक रूप से संभाल ली है।

इस केस को लेकर एनआईए की टीमें पिछले बुधवार से पहलगाम में डेरा डाले हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए अधिकारी हर छोटे-बड़े सुराग को बारीकी से खंगाल रहे हैं ताकि हमलावरों और उनके मददगारों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके।

क्यों खास है NIA का यह कदम?

पहलगाम हमला महज एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा पर सीधा हमला था। ऐसे में एनआईए का इस केस को संभालना यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार इस हमले की तह तक जाकर दोषियों को सख्त सजा दिलवाना चाहती है।

पहलगाम की घाटियों में, जहां कभी सैलानी कश्मीर की खूबसूरती का लुत्फ उठाते थे, अब सुरक्षा बलों की पैनी नजरें टिकी हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, हमले के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। लेकिन साथ ही लोगों को उम्मीद है कि एनआईए की पेशेवर जांच से जल्द न्याय मिलेगा।

एनआईए की टीमें हमले की जगह पर हर संभव सबूत जुटाने में जुटी हैं — चाहे वह गोली के खोल हों, CCTV फुटेज हो, या स्थानीय चश्मदीदों के बयान।

जांच एजेंसी का फोकस न केवल हमलावरों की पहचान करना है, बल्कि उनके पीछे काम करने वाले पूरे नेटवर्क को भी बेनकाब करना है। इस तरह की गहन और तकनीकी जांच से यह उम्मीद जगी है कि साजिशकर्ताओं तक जल्द ही पहुंच बनाई जाएगी।

आगे की रणनीति क्या होगी?

सूत्रों के मुताबिक, एनआईए आने वाले दिनों में:

  • हमले से जुड़े सभी संदिग्धों के कॉल रिकॉर्ड्स और वित्तीय लेन-देन की जांच करेगी।
  • स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाएगी।
  • विदेशों से संचालित आतंकी फंडिंग नेटवर्क को भी खंगालेगी।

जनता की उम्मीदें और भावनाएं

पहलगाम के स्थानीय निवासी और मृतकों के परिजन अब एनआईए से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। हर आंख नम है, लेकिन दिल में एक मजबूत विश्वास भी है कि सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को उनके गुनाहों की सजा मिलेगी।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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