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मुंबई नौका हादसा: नौसेना जहाज से टकराव में 13 की मौत, 99 बचाए गए

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मुंबई में हुआ दर्दनाक हादसा: 13 की मौत, 99 लोग बचाए गए

मुंबई। मुम्बई पोर्ट ट्रस्ट (MBPT) की एक पायलट बोट के अनुसार, मुम्बई के तट पर एक यात्री नौका और भारतीय नौसेना के जहाज के बीच हुए हादसे में चारों ओर चीख-पुकार मच गई। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 99 लोगों को बचा लिया गया। यह नौका गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा आइलैंड जा रही थी।

कैसे हुआ हादसा?

भारतीय नौसेना का जहाज, जो इंजन ट्रायल पर था, नियंत्रण खो बैठा और यात्री नौका से टकरा गया। यह घटना इतनी भयानक थी कि हादसे के गवाह पायलट्स और बचाव दल इसे अपने जीवन का सबसे भयावह अनुभव मानते हैं।

Mumbai boat tragedy: Never witnessed such horrific incident, say first  responders

पहले रेस्क्यू टीम कैसे पहुंची?

हादसे के बाद कंट्रोल रूम से तुरंत आसपास की नावों को निर्देश दिया गया। सबसे पहले पहुंचने वालों में आरिफ बामने भी थे। उन्होंने बताया, “बचाव कार्य में सबसे पहले महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी गई।”

उन्होंने आगे कहा कि उनकी नाव पर चार लोग थे, और उन्होंने करीब 20-25 लोगों को बचाया। इनमें तीन से चार विदेशी यात्री भी शामिल थे। एक छोटी बच्ची, जिसकी सांसें रुक गई थीं, को सीने पर दबाव देकर बचाया गया।

Mumbai ferry Accident
Mumbai ferry Accident Rescue

घटनास्थल का भयानक दृश्य

एक अन्य नाविक, इक़बाल गोठेकर ने बताया, “लोग अपने हाथ लहराकर मदद मांग रहे थे। मैंने अपने जीवन में ऐसा कभी नहीं देखा।” उन्होंने 16 लोगों को बचाया और गेटवे ऑफ इंडिया तक पहुंचाया।

मदद और हौसले की कहानियां

हादसे के दौरान कई लोग एक-दूसरे की मदद करते नजर आए। हालांकि, यह घटना सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों की कमी को भी उजागर करती है।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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