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ऑपरेशन सिंदूर के बाद जयशंकर का बड़ा बयान: भारत नहीं चाहता तनाव बढ़ाना, लेकिन जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार

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Key Highlights:

  • भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत का उद्देश्य तनाव बढ़ाना नहीं है, लेकिन यदि हमला हुआ तो सख्त जवाब दिया जाएगा।
  • भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपनी संतुलित रणनीति के बारे में जानकारी दी।
  • पाकिस्तान ने भारत के हमलों को ‘युद्ध की कार्यवाही’ बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।

विस्तृत रिपोर्ट:

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत का उद्देश्य स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बनाना नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जो कि पिछले महीने कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में थे।

जयशंकर ने कहा, “हमारा जवाब लक्षित और मापा गया था। हमारा उद्देश्य स्थिति को बढ़ाना नहीं है। हालांकि, यदि हम पर सैन्य हमले होते हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि इसका बहुत ही सख्त जवाब दिया जाएगा।”

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अपनी रणनीति के बारे में जानकारी दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त है, लेकिन वह शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

पाकिस्तान ने भारत के हमलों को ‘युद्ध की कार्यवाही’ बताया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने की अपील की है।

भारत की यह संतुलित रणनीति दर्शाती है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त है, लेकिन वह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा, लेकिन उसका उद्देश्य स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बनाना नहीं है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यदि उस पर हमला हुआ तो वह सख्त जवाब देने के लिए तैयार है।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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