Key Highlights (मुख्य बिंदु):
- भारत ने पाकिस्तान से आने वाली उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद किया।
- यह फैसला पहलगाम आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद लिया गया।
- पाकिस्तान पहले ही भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर चुका है।
- भारत ने कई और सख्त कदम उठाए — ICP अटारी बंद, वीज़ा सस्पेंड, उच्चायोग अधिकारियों में कटौती।
- पहलगाम हमला 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद का सबसे घातक आतंकी हमला।
भारत ने पाकिस्तान के लिए हवाई क्षेत्र किया बंद
पिछले कुछ वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव का स्तर कई बार चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वे अब तक के सबसे निर्णायक माने जा रहे हैं।
पिछले सप्ताह हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। यह हमला न केवल मानवता पर हमला था, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा को भी सीधी चुनौती थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले की ज़िम्मेदारी “द रेज़िस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने ली है, जो कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक फ्रंट है।
भारत ने क्यों किया हवाई क्षेत्र बंद?
इस हमले के कुछ ही दिन बाद, भारत ने पाकिस्तान से आने वाली उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। यह कदम सीधे तौर पर पाकिस्तान को एक सख्त संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था।
यह कार्रवाई केवल हवाई क्षेत्र तक सीमित नहीं है। भारत सरकार ने अन्य कई कूटनीतिक और आर्थिक कदम उठाए हैं:
- इंडस वॉटर संधि को निलंबित कर दिया गया है।
- अटारी एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद कर दिया गया है।
- पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सस्पेंड किया गया है।
- उच्चायोग के शीर्ष अधिकारियों को कम किया गया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या रही?
पाकिस्तान ने इस घटनाक्रम के बाद न केवल हवाई मार्ग बंद किया, बल्कि सभी द्विपक्षीय व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध भी निलंबित कर दिए। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने रूस और चीन जैसे देशों से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
हमले की जाँच और संभावित रास्ते
जांच एजेंसियों को शक है कि आतंकवादी या तो किश्तवार या अवंतिपुर से घाटी में घुसे थे। यह रास्ते लंबे समय से आतंकी घुसपैठ के लिए जाने जाते रहे हैं। भारत की खुफिया एजेंसियां इस पर गहनता से काम कर रही हैं और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है।
एक आम भारतीय नागरिक के तौर पर यह घटना केवल खबरों में पढ़ने तक सीमित नहीं रही। देश भर में एक बार फिर गुस्सा है, और सरकार से सख्त कदमों की अपेक्षा भी। भारत ने जिस तरह से जवाब दिया है, वह यह दर्शाता है कि अब सिर्फ बयानबाज़ी से काम नहीं चलेगा।
यह समय भावनाओं से नहीं बल्कि रणनीति से सोचने का है। भारत का यह फैसला न केवल एक कूटनीतिक कदम है, बल्कि एक सख्त चेतावनी भी है। आतंकवाद को अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे वह सरहद पार से आ रहा हो या सरहद के भीतर छिपा हो, हर साजिश को जवाब मिलेगा।
यह भी पढ़े: पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर श्रीलंकाई तमिल समूह का प्रदर्शन पहलगाम हमले पर उबाल