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7 साल की भागदौड़ खत्म कैसे पकड़ा गया 12,636 करोड़ घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी बेल्जियम में?

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Key Highlights (मुख्य बातें):

  • मेहुल चोकसी 2018 से भारत से फरार था, अब बेल्जियम में गिरफ्तार।
  • स्विट्ज़रलैंड भागने की कर रहा था कोशिश, वहीं से पत्नी भी हैं नागरिक।
  • CBI और ED की सात साल की मेहनत और तीन देशों में ट्रैकिंग के बाद मिली सफलता।
  • भारत लाने की प्रक्रिया शुरू, कोर्ट में स्वास्थ्य के आधार पर राहत मांग सकते हैं।

मेहुल चोकसी ने की स्विट्ज़रलैंड भागने की कोशिश, कैसे हुई ट्रैकिंग और गिरफ्तारी

कभी डायमंड किंग कहे जाने वाले मेहुल चोकसी की कहानी अब एक भागते भगोड़े की मिसाल बन चुकी है। गीताांजलि ग्रुप के मालिक चोकसी पर अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से ₹12,636 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। 2018 में भारत छोड़कर भागा यह आरोपी अब सात साल की लुका-छिपी के बाद आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है।

2018 से फरारी की शुरुआत

चोकसी 2018 में तब भारत से फरार हो गया जब पीएनबी घोटाला उजागर हुआ। वह सीधे एंटीगुआ चला गया जहां उसे निवेश प्रोग्राम के तहत नागरिकता मिल चुकी थी। यहीं से उसकी विदेशों में एक लंबी भागदौड़ शुरू हुई।

2021 में वह डोमिनिका में अवैध तरीके से प्रवेश करते हुए पकड़ा गया। भारत ने फौरन CBI की टीम भेजी, लेकिन वहां की अदालत में चोकसी के वकीलों ने दावा किया कि उन्हें इलाज के लिए एंटीगुआ लौटना जरूरी है। 51 दिन जेल में रहने के बाद ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया और वह फिर से एंटीगुआ लौट गया।

CBI-ED की सतर्क निगरानी

CBI और ED ने इस दौरान एक भी सुराग नहीं छोड़ा। पिछले साल पता चला कि चोकसी बेल्जियम में है। एजेंसियों ने तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सतर्क किया और घोटाले से जुड़ी तमाम दस्तावेज सौंपे।

फर्जी दस्तावेजों से बेल्जियम में रेजिडेंसी की चाल

चोकसी ने बेल्जियम में फर्जी दस्तावेज देकर रेजिडेंसी कार्ड पाने की कोशिश की। उसने छुपाया कि वह भारत और एंटीगुआ का नागरिक है। उसकी पत्नी प्रीति चोकसी बेल्जियम की नागरिक हैं, जिससे जुड़ी योजना के तहत वह स्विट्ज़रलैंड भागने वाला था। लेकिन इससे पहले ही बेल्जियम पुलिस ने उसे धर दबोचा।

स्वास्थ्य का बहाना और भारत लाने की तैयारी

चोकसी के वकील ने मुंबई की अदालत में कहा था कि वह ब्लड कैंसर के इलाज के लिए बेल्जियम में है और भारत नहीं आ सकता। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश होने की बात भी कही, जिसे एजेंसियों ने खारिज कर दिया।

अब जबकि चोकसी को गिरफ्तार कर लिया गया है, भारत लाने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। हालांकि, चोकसी के वकील स्वास्थ्य आधार पर राहत की मांग के लिए नया आवेदन दायर कर सकते हैं।

इस मामले से एक बात स्पष्ट होती है – चाहे अपराध कितना भी बड़ा हो और आरोपी कितना भी ताकतवर, कानून की पकड़ से भाग पाना असंभव है। एजेंसियों का संयम, तकनीकी निगरानी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग किसी को भी न्याय के दायरे में ला सकता है।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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