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एम्स्टर्डम बनाम बेंगलुरु: भारतीय टेक प्रोफेशनल ने बताया कहां जिंदगी ज्यादा सुकून भरी है?

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Key Highlights:

  • बेंगलुरु की टेक प्रोफेशनल प्रतीम भोसले ने एम्स्टर्डम में बिताए 6 महीनों का अनुभव X (Twitter) पर साझा किया।
  • किराए, हेल्थकेयर, खाना, ट्रांसपोर्ट और जीवनशैली में हुए बड़े अंतर।
  • उन्होंने बताया कि एम्स्टर्डम में रहकर वे पहले से ज्यादा खुश महसूस करती हैं।
  • सोशल मीडिया यूजर्स को प्रतीम का यह अनुभव बेहद प्रेरणादायक और संतुलित लगा।

किराया और रहने की व्यवस्था: यूरोप में भी हंगर गेम्स जैसे हालात

बेंगलुरु की टेक प्रोफेशनल प्रतीम भोसले ने अपनी पोस्ट में सबसे पहले जिस मुद्दे को छुआ, वो था हाउसिंग। एम्स्टर्डम में एक अच्छे इलाके में एक बेडरूम अपार्टमेंट का किराया लगभग €2000 (लगभग ₹1.8 लाख) प्रति माह है। इससे सस्ता घर मिलेगा तो उसमें फर्नीचर नहीं होगा और नया इलाका होगा। उन्होंने लिखा,

“यहाँ किराए पर घर लेना Hunger Games जितना मुश्किल है, लेकिन खरीदना थोड़ा आसान है।”

उनकी मदद की @uprent_nl जैसी सर्विस ने, और उन्होंने बताया कि वहाँ के tenant laws काफी सख्त और फेयर हैं – जैसा भारत में आमतौर पर देखने को नहीं मिलता।

ग्रोसरी शॉपिंग का अलग ही मजा, Zepto और Swiggy को किया अलविदा

प्रतीम ने एम्स्टर्डम के Jumbo और Albert Heijn जैसे सुपरमार्केट की जमकर तारीफ की।

“यहाँ शॉपिंग करना खुद में एक खुशी है। ऑर्गेनिक का मतलब वाकई में ऑर्गेनिक होता है।”

  • उनका मासिक ग्रोसरी बिल लगभग €500 है।
  • बेंगलुरु के मुकाबले खाना तीन गुना महंगा, लेकिन क्वालिटी जबरदस्त है।
  • Zepto और Swiggy की उन्हें कोई कमी महसूस नहीं होती।

खाना महंगा लेकिन इंटरनेशनल क्विज़ीन शानदार

एम्स्टर्डम में एक अच्छे रेस्टोरेंट में दो लोगों का खाना करीब €50 (₹4,500) का पड़ता है। Takeaway या सैंडविच की कीमतें €7-15 तक हैं।

“इंटरनेशनल खाना बेहतरीन है, लेकिन इंडियन रेस्टोरेंट्स में टूरिस्ट टाइप मेन्यू मिलता है।”

  • EU में मिलने वाले डेसर्ट्स कहीं ज्यादा बेहतर हैं।
  • कैफे के दाम लगभग बेंगलुरु जैसे ही हैं – जैसे 13 यूरो में दो डेसर्ट और दो चाय

ट्रांसपोर्ट: एक आशीर्वाद

प्रतीम ने एम्स्टर्डम की पब्लिक ट्रांसपोर्ट को “blessing” कहा।

  • बिलकुल समय पर चलने वाली बसें, ट्राम्स, मेट्रो और खूबसूरत फेरी राइड्स।
  • हर कोने में डेडिकेटेड साइकिल लेन्स हैं, और फिटनेस यहाँ जीवनशैली का हिस्सा है।

हेल्थकेयर सिस्टम: उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी

जहाँ ट्रांसपोर्ट ने उन्हें राहत दी, वहीं Dutch हेल्थकेयर सिस्टम ने निराश किया

“छह महीने में भी मुझे अपना जीपी (General Practitioner) नहीं मिला।”

  • उन्होंने कहा कि यहाँ प्रिवेंटिव केयर की कमी है, और इलाज काफी धीमा है।
  • जरूरत पड़ने पर वे भारत वापस जाकर ट्रीटमेंट करवाने की सोच रही हैं।

करियर, कमाई और जीवन का मकसद

प्रतीम बताती हैं कि:

  • एम्स्टर्डम में टेक जॉब्स की संख्या बेंगलुरु से कम है।
  • यहां salary cap अक्सर €100k से ऊपर नहीं जाती
  • लेकिन लोग profit से ज्यादा passion को महत्व देते हैं।
  • Employment laws employees को फायदा देते हैं लेकिन startup के लिए चैलेंजिंग हैं।

खुश रहने की वजह क्या है?

उनकी पोस्ट का सबसे भावनात्मक हिस्सा यह था:

“मैं खुद को ज्यादा मुस्कुराते हुए पाती हूं।”

  • ताजगी भरी हवा, हरे-भरे पार्क, और शांत जीवनशैली ने उन्हें अंदर से बदल दिया है।
  • स्वास्थ्य, फिटनेस और मानसिक शांति में आया सुधार उनके चेहरे पर साफ नजर आता है।

सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं: “सच में संतुलित और प्रेरणादायक अनुभव”

उनकी पोस्ट पर कई यूज़र्स ने सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दीं:

🗨️ “Thank you for a wonderful thread Pratim. Beautifully broken down.”
🗨️ “The healthcare part is scary, but QOL seems good – like Singapore.”

अनुभव से निकला जीवन का नया अर्थ

प्रतीम भोसले की यह यात्रा सिर्फ एक शहर से दूसरे शहर की नहीं थी, बल्कि भीतर की यात्रा भी थी – जिसमें उन्होंने अपने जीवन को, प्राथमिकताओं को और खुशी को नए सिरे से पहचाना।

एम्स्टर्डम ने उन्हें वो दिया जो बेंगलुरु की तेज रफ्तार जिंदगी शायद नहीं दे पाई – ‘खुद से जुड़ने की आज़ादी।’

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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