दिल्ली की ओर फिर बढ़ेंगे किसान
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर ठहरे किसान आज फिर अपनी मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन शुरू करने की तैयारी में हैं। शुक्रवार को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ने वाले 101 किसानों के जत्थे को सुरक्षा बलों ने रोक दिया था। इस दौरान हुई झड़प में कई किसान घायल हो गए, जिसके बाद किसानों ने अपना मार्च अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया।
क्या हैं किसानों की मुख्य मांगें?
किसानों की मांगों में मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:
- फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी।
- किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन।
- किसानों के कर्ज माफ करना।
- बिजली दरों में बढ़ोतरी को रोकना।
- लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय।
- किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेना।
शुक्रवार को क्या हुआ?
6 दिसंबर को, 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहा था, जिसे शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने कई लेयर की बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिससे 5-6 किसान घायल हो गए। घायल किसानों को अस्पताल ले जाया गया।
किसान नेताओं ने विरोध को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार ने शनिवार तक वार्ता नहीं की, तो 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर मार्च फिर से शुरू किया जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया
हरियाणा सरकार ने स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं 9 दिसंबर तक के लिए बंद कर दीं। प्रभावित गांवों में डंगदेहरी, लोहगढ़, मनकपुर, देवी नगर आदि शामिल हैं।
किसानों का कहना
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हमने सरकार को बातचीत के लिए शनिवार तक का समय दिया है। अगर कोई संवाद नहीं होता है, तो हम 8 दिसंबर को एक बार फिर दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।”
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