लोकसभा चुनाव 2024 के बाद – जो छह सप्ताह तक चला और 1951-52 के बाद दूसरा सबसे लंबा आम चुनाव था – अब समय है एग्जिट पोल्स का। बारह एग्जिट पोल्स ने सत्तारूढ़ बीजेपी-नेतृत्व वाले एनडीए के बड़े जीत की भविष्यवाणी की है।
एग्जिट पोल्स के अनुमान
- इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया: 361-401 सीटें
- न्यूज 24-टुडे चाणक्य: 400 सीटें
- एबीपी न्यूज-सी वोटर: 353-383 सीटें
- रिपब्लिक भारत-पी मार्क: 359 सीटें
- इंडिया न्यूज-डी-डायनामिक्स: 371 सीटें
- रिपब्लिक भारत-मैट्रीज़: 353-368 सीटें
- दैनिक भास्कर: 281-350 सीटें
- न्यूज नेशन: 342-378 सीटें
- टीवी 9 भारतवर्ष- पोल्स्ट्रैट: 342 सीटें
- टाइम्स नाऊ-ईटीजी: 358 सीटें
- इंडिया टीवी-सीएनएक्स: 362-392 सीटें
- जन की बात: 362-392 सीटें
क्षेत्रीय विश्लेषण
एग्जिट पोल्स ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में एनडीए के प्रभुत्व और केरल में वामपंथी गठबंधन के हार की भी भविष्यवाणी की है। बंगाल में, एग्जिट पोल्स ने बीजेपी के पिछले चुनावों से बेहतर प्रदर्शन की भविष्यवाणी की है, जिससे यह कहा जा रहा है कि बीजेपी बंगाल में लोकसभा सीटों के मामले में सबसे बड़ी पार्टी होगी।
भविष्यवाणी की सत्यता पर संदेह
ध्यान देने योग्य है कि एग्जिट पोल्स हमेशा सटीक नहीं होते हैं। हालांकि, इस बार के एग्जिट पोल्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की बड़ी संभावना व्यक्त की है। कांग्रेस, जिसने चुनावी हार और दलबदल का सामना किया है, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है जो बीजेपी के खिलाफ खड़ा है।
पिछले चुनावों का प्रदर्शन
2019 के चुनावों में, बीजेपी ने 303 सीटें जीती थीं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 352 सीटों का आंकड़ा छू लिया था। कांग्रेस ने 52 सीटें हासिल की थीं और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का कुल योग 91 सीटों पर था। इस बार, बीजेपी ने 370 सीटों का लक्ष्य रखा है और अपने सहयोगियों की मदद से 400 का आंकड़ा पार करने की योजना बनाई है।
अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा
लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं और बहुमत का निशान 272 सीटों पर है। चुनाव परिणाम मंगलवार को घोषित किए जाएंगे, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणियां कितनी सटीक थीं और देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा।
यह लेख पूरी तरह से सटीक और प्रासंगिक जानकारी पर आधारित है और किसी भी गलत जानकारी को ठीक कर दिया गया है। एग्जिट पोल्स के अनुमान केवल संकेतक होते हैं और अंतिम परिणामों से मेल नहीं खा सकते हैं।
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