---Advertisement---

पहलगाम हमले पर खड़गे का तीखा अंदाज: क्या खुफिया चेतावनी को नजरअंदाज किया गया?

By
On:

Follow Us

Key Highlights:

  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए।
  • उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खुफिया रिपोर्ट की अनदेखी का आरोप लगाया, जिसमें कश्मीर में हमले की चेतावनी दी गई थी।
  • खड़गे ने कहा कि सरकार ने समय रहते पुलिस बल नहीं भेजा, जिससे सुरक्षा में चूक हुई।

“खुफिया चेतावनी के बावजूद क्यों नहीं हुई कार्रवाई?”

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना को लेकर केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।

खड़गे ने कहा कि इस हमले से पहले खुफिया एजेंसियों ने कश्मीर में आतंकी हमले की चेतावनी दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रिपोर्ट को नजरअंदाज किया और समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया। खड़गे ने पूछा, “आप वहां पुलिस बल भेज सकते थे, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया।”

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर खुफिया रिपोर्ट पहले से मौजूद थी, तो सुरक्षा एजेंसियों ने उसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया? क्या यह एक प्रशासनिक चूक थी या फिर जानबूझकर की गई अनदेखी?

इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की है और जवाबदेही की मांग की है। वहीं, आम जनता में भी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार पर्याप्त कदम उठा रही है।

पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि यह हमारी सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को भी उजागर करता है। इस घटना की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

यह भी पढ़े: पाकिस्तान की यूएनएससी में फजीहत: ‘फॉल्स फ्लैग’ नैरेटिव खारिज, पहलगाम हमले पर कड़ी निंदा

Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

For Feedback - [email protected]

Join WhatsApp

Join Now