Key Highlights:
- असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर बोला तीखा हमला।
- सोशल मीडिया पर ओवैसी को मिल रही है तारीफ, लोग कह रहे हैं – “जो राहुल और अखिलेश नहीं कह सके, वो ओवैसी ने कहा”।
- AIMIM प्रमुख के बयान को बताया गया ‘सीक्युलर नेताओं की चुप्पी’ का जवाब।
- बीजेपी समर्थकों के निशाने पर रहने वाले ओवैसी को अब मिल रही है सोशल मीडिया पर ‘थम्ब्स अप’।
असदुद्दीन ओवैसी का पाकिस्तान पर हमला: जब गुस्से में बोली गई सच्चाई लोगों को भा गई
नई दिल्ली – आमतौर पर अपने तीखे बयानों और सांप्रदायिक मुद्दों पर स्टैंड के कारण विवादों में रहने वाले Asaduddin Owaisi एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है।
AIMIM प्रमुख ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ बेहद तीखा बयान दिया, जिसमें उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा – “पाकिस्तान हरकतों से बाज नहीं आ रहा, और अब सब्र का बांध टूट चुका है।”
इस बयान के साथ ओवैसी ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जो आमतौर पर राजनेताओं के मुंह से सुनने को नहीं मिलते। हालांकि उन्होंने जो कहा, वो आम जनता के मन की बात निकली। खास बात यह रही कि सोशल मीडिया पर वही लोग जो अक्सर ओवैसी के विरोध में रहते हैं, इस बार उनके समर्थन में खड़े दिखाई दिए।
जनता की जुबान बोले ओवैसी?
ओवैसी ने न केवल आतंकियों की निंदा की बल्कि पाकिस्तान को ‘खुली चुनौती’ देते हुए कहा –
“अब और बर्दाश्त नहीं होगा। जो देश खुद अपने नागरिकों को सुरक्षा नहीं दे सकता, वो भारत को आंख दिखा रहा है।”
उनका ये बयान वायरल हो गया और ट्विटर (अब X) से लेकर फेसबुक तक, लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। नेटिज़न्स का कहना है कि ओवैसी ने वो कह दिया, जो “राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे सेक्युलर नेता कहने से कतराते हैं।”
राजनीतिक मायनों में क्या है असर?
विशेषज्ञों की मानें तो ओवैसी का ये बयान सिर्फ एक भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि उनका रणनीतिक कदम भी हो सकता है। लंबे समय से उन्हें एक कट्टरपंथी नेता के तौर पर पेश किया जाता रहा है, लेकिन अब उनका यह राष्ट्रवादी रूप लोगों को हैरान कर रहा है।
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा:
“पहली बार लगा कि ओवैसी भी भारत की असली चिंता करता है।“
क्या बदलेगा ओवैसी की छवि?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर ओवैसी इसी तरह देशहित के मुद्दों पर खुलकर बोलते रहे, तो उनकी छवि एक ज़िम्मेदार नेता के तौर पर उभर सकती है। अभी तक वे बीजेपी के समर्थकों के निशाने पर रहते आए हैं, लेकिन यह एक ऐसा मौका हो सकता है जहां विपक्ष और सत्ताधारी दोनों ही उनके बयान से सहमत दिखे।
Asaduddin Owaisi का यह ताजा बयान एक नई राजनीतिक सोच की ओर इशारा करता है – एक ऐसा चेहरा जो कट्टरता की सीमाओं से बाहर निकलकर राष्ट्रवाद के दायरे में प्रवेश कर रहा है। और यही वजह है कि आज सोशल मीडिया पर वो एक अलग ही नजरिए से देखे जा रहे हैं।
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