लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने आज के दिन यानी कि 20 अगस्त को तीन मुख्य विधेयक पेश किए। वहीं इस विधेयक के अनुसार, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या फिर किसी मंत्री पर 5 साल से अधिक सजा के प्रावधान वाले केस में आरोप लगाया गया है।
वहीं इतना ही नहीं, विधेयक में यह भी कहा गया कि, अगर वह 30 दिनों तो न्यायिक हिरासत में हैं तो उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ेगा।
सांसदों ने कागज के टुकड़े Amit Shah की ओर फेंके
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि Amit Shah ने जब संसद में इस बिल को पेश किया तभी विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, इतना ही नहीं विपक्षी नेताओं ने अमित शाह की तरह बिल की कॉपी फाड़कर उनके मुंह पर फेंक दिए, कागज के टुकड़े अमित शाह की ओर भी उछाले गए। मामले को लेकर अमित शाह ने ये भी कहा कि, सरकार इस बिल को जेपीसी को भेजने का प्रस्ताव रखती है।

इसके बाद भी जितने विपक्षी सांसद थे। सबने हंगामा किया। देखा जाए तो यह मामला यहीं नहीं रुका विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री का माइक भी मोड़ने की कोशिश की । वहीं सदन के अंदर माहौल काफी गर्म था। बता दें कि, लोकसभा की वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी सांसद ने की और बिल पेश होते ही कल्याण बनर्जी ने नारा लगाना शुरू कर दिया।
‘मैंने गिरफ्तारी से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था’
जब विपक्ष जमकर विरोध कर रहे थे। तो उनको जवाब देने के लिए अमित शाह ने खुद पर उदाहरण देते हुए कहा कि इस राजनीति में शुचिता बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है कि हम जिम्मेदारी से काम करें और कहीं न भागे।
Amit Shah ने कहा, “गुजरात में मैं मंत्री तो मेरे ऊपर आरोप लगे। मैंने पद से इस्तीफा दिया और कोर्ट के आदेशों का पालन किया। इसके बाद मैंने दोबारा जिम्मेदारी तब संभाली, जब आरोपों से बरी हो गया और संविधान के तहत मुझे पद हासिल करने का अधिकार मिला”।
यह भी पढ़ें: भारत ने झटका दिया: आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि पर रोक, वाघा बॉर्डर भी बंद







