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जाति जनगणना पर आप का केंद्र पर हमला, भाजपा ने बताया गैर-जिम्मेदाराना

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मुख्य बिंदु:

  • 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई।
  • आप (AAP) ने केंद्र सरकार पर जाति जनगणना के समय को लेकर सवाल उठाए, इसे ध्यान भटकाने की कोशिश बताया।
  • भाजपा (BJP) ने AAP के बयान को “निराशाजनक” और “गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया।
  • केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने का निर्णय लिया।
  • राहुल गांधी ने सरकार से पहलगाम हमले पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और विपक्ष के समर्थन का आश्वासन दिया।

आप ने केंद्र पर जाति जनगणना के समय को लेकर साधा निशाना, भाजपा ने बताया ‘गैर-जिम्मेदाराना’

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जाति जनगणना के मुद्दे को उठाकर पहलगाम हमले से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

AAP के वरिष्ठ नेता ने कहा, “जब देश शोक में डूबा है और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, तब केंद्र सरकार जाति जनगणना की घोषणा कर रही है। यह समय इस मुद्दे को उठाने का नहीं है।”

भाजपा ने AAP के इन आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें “निराशाजनक” और “गैर-जिम्मेदाराना” बताया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “AAP का यह बयान न केवल राजनीतिक रूप से अनुचित है, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए भी हानिकारक है।”

इस बीच, केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह निर्णय सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “हम सरकार के साथ हैं, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।”

यह घटनाक्रम दिखाता है कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक मुद्दे राजनीतिक बहस का केंद्र बन जाते हैं। जहां एक ओर जाति जनगणना सामाजिक न्याय के लिए आवश्यक मानी जा रही है, वहीं दूसरी ओर इसके समय को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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