मुख्य बिंदु:
- Q4FY25 में DMart का EBITDA मार्जिन 7.3% पर आ गया, जो पिछले वर्ष के 8.4% से कम है।
- FMCG श्रेणी में बढ़ती छूट और स्टोर संचालन लागत में वृद्धि ने मार्जिन पर दबाव डाला है।
- सामान्य माल और परिधान श्रेणी में कम खर्च ने मार्जिन मिश्रण को प्रभावित किया है।
- कंपनी ने इस तिमाही में 18 नए स्टोर खोले, जिससे कुल स्टोर की संख्या 324 हो गई है।
- ऑनलाइन किराना प्लेटफॉर्म्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा भी मार्जिन पर असर डाल रही है।
DMart: बढ़ती छूट और लागत से मुनाफे पर दबाव
DMart, जो कि भारत की प्रमुख रिटेल चेन में से एक है, को Q4FY25 में अपने मुनाफे पर दबाव का सामना करना पड़ा है। कंपनी का EBITDA मार्जिन 7.3% पर आ गया, जो पिछले वर्ष के 8.4% से कम है। इस गिरावट का मुख्य कारण FMCG श्रेणी में बढ़ती छूट और स्टोर संचालन लागत में वृद्धि है।
कंपनी के CEO ने बताया कि सामान्य माल और परिधान श्रेणी में कम खर्च ने मार्जिन मिश्रण को प्रभावित किया है। यह श्रेणी कंपनी की कुल राजस्व का लगभग 23% हिस्सा बनाती है।
इस तिमाही में कंपनी ने 18 नए स्टोर खोले, जिससे कुल स्टोर की संख्या 324 हो गई है। हालांकि, बड़े स्टोर खोलने से संचालन लागत में वृद्धि हुई है, जिससे मार्जिन पर और दबाव पड़ा है।
इसके अलावा, ऑनलाइन किराना प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Blinkit, Zepto और BigBasket से बढ़ती प्रतिस्पर्धा भी कंपनी के मार्जिन पर असर डाल रही है। इन प्लेटफॉर्म्स की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने उपभोक्ताओं के खरीदारी व्यवहार को बदल दिया है।
आगे की रणनीति
DMart को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। कंपनी को अपने संचालन लागत को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियों को अपनाने की जरूरत है। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए डिजिटल उपस्थिति को मजबूत करना भी आवश्यक है।
कुल मिलाकर, DMart को अपने मुनाफे को बनाए रखने के लिए बाजार की बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा।
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