ओला इलेक्ट्रिक, जिसे Bhavish Aggarwal ने स्थापित किया है, भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में क्रांति ला रहा है। ओला इलेक्ट्रिक का आगामी IPO (Initial Public Offering) बहुत ही चर्चित है और यह भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह IPO 2 अगस्त से 6 अगस्त तक खुला रहेगा, और इसकी लिस्टिंग 9 अगस्त 2024 को बीएसई और एनएसई पर होने जा रही है। इस ब्लॉग में हम ओला इलेक्ट्रिक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न, प्रमुख निवेशकों, और कंपनी की वित्तीय स्थिति पर एक विस्तृत नज़र डालेंगे।
ओला इलेक्ट्रिक का IPO: मुख्य जानकारी
ओला इलेक्ट्रिक का IPO भारत में 2003 के बाद से किसी भी ऑटोमोबाइल कंपनी का पहला सार्वजनिक प्रस्ताव होगा, जिसमें कंपनी लगभग 740 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। इस रकम का बड़ा हिस्सा नए शेयरों की बिक्री और एक हिस्से का ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से आएगा। ओला इलेक्ट्रिक का मूल्यांकन पोस्ट-IPO के बाद 4 बिलियन डॉलर से 4.5 बिलियन डॉलर के बीच रहने की उम्मीद है।
शेयरहोल्डिंग पैटर्न: कौन हैं प्रमुख शेयरधारक?
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप: 45.14%
- पब्लिक शेयरहोल्डर्स: 47.19%
- एम्प्लॉयी ट्रस्ट: 7.67%
ओला इलेक्ट्रिक में Bhavish Aggarwal का 36.94% हिस्सा है, जो दर्शाता है कि कंपनी के संस्थापक का इसमें महत्वपूर्ण स्वामित्व है। इसके अलावा, प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:
- SoftBank: 21.98%
- Tiger Global: 6.03%
- Indus Trust: 3.85%
- Alpha Wave: 3.49%
यह पैटर्न इंगित करता है कि कंपनी में संस्थापक का एक बड़ा हिस्सा है और प्रमुख निवेशकों द्वारा भी पर्याप्त निवेश किया गया है। इसके अलावा, कंपनी के कर्मचारी भी 7.67% हिस्सेदारी के मालिक हैं, जो कि कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन है।
प्रमुख निवेशक और उनके लाभ
ओला इलेक्ट्रिक के IPO ने विभिन्न प्रमुख निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है, जिनमें Paytm के Vijay Shekhar Sharma, फिल्म निर्माता Zoya Akhtar और Farhan Akhtar शामिल हैं। उन्होंने अपनी शेयरों की हिस्सेदारी बनाए रखी है, जो कि उनकी प्रारंभिक खरीद कीमतों की तुलना में बढ़ी है।
Vijay Shekhar Sharma ने VSS Investco के माध्यम से 7.5 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो अब 9.46 करोड़ रुपये हो गया है। Zoya Akhtar और Farhan Akhtar ने भी अपने निवेश से अच्छा लाभ कमाया है। हालांकि, कुछ प्रारंभिक निवेशकों को नुकसान भी हो सकता है क्योंकि IPO की सार्वजनिक कीमत उनकी खरीद कीमत से कम है।
वित्तीय प्रदर्शन: मुनाफे और नुकसान की कहानी
ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 2024 में 7.6% की वृद्धि के साथ 1,584.4 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया, जो पिछले वर्ष के 1,472.1 करोड़ रुपये से अधिक है। हालांकि, कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 90% से अधिक की वृद्धि हुई, जो 5,009.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की मजबूत बिक्री से प्रेरित था।
ओला इलेक्ट्रिक ने 2024 वित्तीय वर्ष में 3.29 लाख वाहनों की बिक्री की, जो पिछले वित्तीय वर्ष की 1.56 लाख इकाइयों की तुलना में काफी अधिक थी। कंपनी के सबसे लोकप्रिय उत्पाद, Ola S1 Pro ने कुल राजस्व का लगभग 60% योगदान दिया।
IPO में शेयर बिक्री: प्रमोटर और अन्य की योजनाएँ
Bhavish Aggarwal ने IPO में 37.91 मिलियन शेयरों को बेचने का निर्णय लिया है, जो पहले से योजना बनाई गई 47.39 मिलियन शेयरों से 20% कम है। DIG Investment ने भी अपना पूरा हिस्सा बेचने का निर्णय लिया है। यह दर्शाता है कि कंपनी के प्रमोटर और कुछ अन्य निवेशक अपने हिस्से को कम करने का निर्णय ले रहे हैं, जबकि अन्य प्रमुख निवेशक अपनी हिस्सेदारी बनाए रख रहे हैं।
ओला इलेक्ट्रिक का IPO भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक महत्वपूर्ण घटना है। कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से पता चलता है कि Bhavish Aggarwal और प्रमुख निवेशकों का इसमें मजबूत विश्वास है। हालांकि, कंपनी की वित्तीय स्थिति यह दर्शाती है कि अभी भी मुनाफे की राह कठिन है।
यह IPO भारतीय निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो लंबी अवधि में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में संभावनाएँ देख रहे हैं। ओला इलेक्ट्रिक की लिस्टिंग न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय शेयर बाजार के लिए भी एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकती है।
ओला इलेक्ट्रिक के IPO में निवेश करने से पहले, निवेशकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति, शेयरहोल्डिंग पैटर्न और भविष्य की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए। अगर कंपनी अपनी रणनीतियों को सफलतापूर्वक लागू करती है, तो यह भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकती है।
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