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देहरादून में युवक गिरफ्तार: ‘मजार’ विध्वंस और पहलगाम हमले पर आपत्तिजनक टिप्पणी से मचा बवाल

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Key Highlights:

  • देहरादून के युवक साहिल खान को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
  • पोस्ट में ‘मजार’ विध्वंस और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर टिप्पणी की गई थी।
  • प्रशासन ने सरकारी दून अस्पताल परिसर में स्थित ‘मजार’ को अवैध बताते हुए ध्वस्त किया।
  • वक्फ बोर्ड ने मजार को 100 साल पुराना और वैध बताया है।
  • पुलिस सोशल मीडिया पर वीडियो प्रसारित करने वालों पर भी नजर बनाए हुए है।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।

देहरादून में युवक की गिरफ्तारी: ‘मजार’ विध्वंस और पहलगाम हमले पर टिप्पणी से बवाल

देहरादून में सोशल मीडिया पोस्ट से बढ़ा तनाव, पुलिस सख्त

देहरादून के एक युवक को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा की थी, जिसमें सरकारी दून अस्पताल परिसर में बने एक ‘मजार’ के विध्वंस और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विवादित टिप्पणियां की गई थीं।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार युवक का नाम साहिल खान (20 वर्ष) है, जो नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र के दीप नगर इलाके का निवासी है। साहिल ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें उसने न केवल ‘मजार’ तोड़ने की घटना को लेकर नाराजगी जताई, बल्कि एक मंदिर को भी गिराने की धमकी दी थी। इसके साथ ही उसने पहलगाम हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

घटना का बैकग्राउंड

पिछले हफ्ते देहरादून के सरकारी दून अस्पताल परिसर में स्थित एक ‘मजार’ को प्रशासन ने रातों-रात दो जेसीबी मशीनों की मदद से गिरा दिया। प्रशासन का कहना है कि यह निर्माण अवैध था। वहीं, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने इसे 100 साल पुरानी कानूनी संपत्ति बताते हुए इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई है।

शम्स ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन नियमित रूप से इस मजार पर चादर चढ़ाने आते थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री ने भी मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है।

सोशल मीडिया पर बढ़ती निगरानी

पुलिस ने बताया कि कुछ लोग मजार के विध्वंस के वीडियो सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। पुलिस ऐसे लोगों की पहचान कर रही है और चेतावनी दी गई है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

यह घटना ऐसे समय पर आई है जब देश भर में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर शोक और आक्रोश का माहौल है। इस हमले में मारे गए अधिकांश लोग पर्यटक थे, जो वहां आंतरिक शांति की तलाश में गए थे।

क्यों है यह मामला संवेदनशील?

भारत जैसे विविधता भरे देश में धार्मिक स्थलों से जुड़ी घटनाएं अक्सर संवेदनशीलता बढ़ा देती हैं। ऐसी किसी भी कार्रवाई में सभी संबंधित पक्षों को विश्वास में लेना जरूरी है, ताकि किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे और सामाजिक ताना-बाना मजबूत बना रहे।

साहिल खान की गिरफ्तारी इसी संदर्भ में की गई है ताकि सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाए जा रहे तनाव को समय रहते रोका जा सके।

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर जरा सी चूक भी कितना बड़ा विवाद खड़ा कर सकती है। सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए जिम्मेदाराना व्यवहार और सतर्कता दोनों ही समय की मांग हैं।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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