सीरियन विद्रोहियों ने 13 दिनों में पलटी बाज़ी: असद शासन का पतन

Syrian rebels turn the tables in 13 days: Assad regime collapses
Syrian rebels turn the tables in 13 days: Assad regime collapses
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सीरिया में विद्रोही 13 साल तक बशर अल-असद के शासन को हटाने में असफल रहे, लेकिन केवल 13 दिनों की त्वरित कार्रवाई में असद परिवार के पांच दशकों के शासन को समाप्त कर दिया। राष्ट्रपति को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया। विद्रोहियों की इस अप्रत्याशित जीत के पीछे महीनों की योजना, मध्य पूर्व में बदलती शक्ति संतुलन और एक प्रमुख क्षेत्रीय खिलाड़ी का अप्रत्यक्ष समर्थन शामिल था।

समय का सही चयन

असद शासन अपने सबसे कमजोर दौर में था। पिछले एक दशक में, असद ने रूस और ईरान जैसे सहयोगियों की ताकत का सहारा लिया। लेकिन रूस यूक्रेन युद्ध में फंसा हुआ था और ईरान, इज़रायल के साथ संघर्ष में उलझा हुआ था।
इसके अलावा, हिज़बुल्ला, जिसने विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में असद की मदद की थी, इज़रायल द्वारा हसन नसरल्लाह और कई कमांडरों के मारे जाने के बाद पीछे हट गया।

सीरिया के भीतर हालात और खराब हो गए थे। टैंकों और विमानों के लिए ईंधन तक नहीं था। भ्रष्टाचार और लूट ने सेना को पूरी तरह कमजोर कर दिया। कई सीरियाई नागरिक युद्ध लड़ने के बजाय पड़ोसी लेबनान भाग गए।

तुर्की की भूमिका

हालांकि तुर्की ने सार्वजनिक रूप से इस कार्रवाई से इनकार किया, लेकिन विद्रोहियों की योजना को इसकी मौन स्वीकृति मिली। विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने छह महीने पहले तुर्की के साथ अपनी योजना साझा की थी।

HTS के नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी के नेतृत्व में यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया। हालांकि HTS को कई देशों ने आतंकी संगठन माना है, तुर्की ने विद्रोहियों की इस कार्रवाई में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं किया।

इज़रायल की जीत

असद शासन के पतन के साथ ही इज़रायल ने ईरान और हिज़बुल्ला के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत कर ली। इज़रायल ने सीरिया के कई ठिकानों पर हमले किए ताकि हथियार विद्रोहियों के हाथ न लगें। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया और इसे इज़रायल की ताकतवर कार्रवाई का परिणाम करार दिया।

क्या होगा आगे?

असद शासन के पतन के बाद सीरिया में शांति बहाली एक चुनौती है। तुर्की और इज़रायल दोनों ही इस बदलाव से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन एक नई अस्थिरता की आशंका भी बनी हुई है।

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