गाज़ा में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को विराम देते हुए, सीज़फायर कल सुबह 6:30 GMT से लागू होगा। यह डील हजारों प्रभावित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है। 7 अक्टूबर के हमले में सैकड़ों इजरायली नागरिक बंधक बनाए गए थे, जिनमें से कुछ की रिहाई अब संभव है। इस समझौते के पहले चरण में इजरायल और हमास दोनों पक्षों से बंदियों और बंधकों की अदला-बदली होगी।
डील में क्या है?
हमास और इजरायली कैबिनेट दोनों ने इस डील पर सहमति जताई है। पहले चरण में छह सप्ताह का संघर्षविराम रहेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को घोषणा की कि इस दौरान गाज़ा और इजरायल के बीच लड़ाई रुक जाएगी, जिससे विस्थापित लोगों और युद्धग्रस्त क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों को राहत मिल सके।
कतरी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि संघर्षविराम रविवार सुबह 6:30 GMT से प्रभावी होगा। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य बंधकों की सुरक्षित वापसी और कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना है।
कौन होंगे रिहा?
इजरायल की जेलों से रिहाई
पहले चरण में 737 कैदियों की रिहाई की पुष्टि की गई है। इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल होंगे। इस सूची में ज़कारिया ज़ुबैदी और खलीफा जरार जैसे प्रमुख नाम हैं। ये दोनों फिलिस्तीनी प्रतिरोध के प्रमुख चेहरे माने जाते हैं।
इजरायली न्याय मंत्रालय ने कहा है कि रिहाई रविवार शाम 4 बजे स्थानीय समय (1400 GMT) से पहले शुरू नहीं होगी।
गाज़ा से बंधकों की वापसी
हमास के पास बंधक बनाए गए 251 लोगों में से पहले चरण में 33 को रिहा किया जाएगा। 7 अक्टूबर को हुए हमले में बंधक बनाए गए लोगों में से 34 की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 94 अब भी गाज़ा में हैं।
इस सूची में तीन इजरायली महिला सैनिकों के नाम शामिल हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक रिहा किए जाने वाले बंधकों में लिरी अलबाग, ओहद बेन अमी, यार्डन बिबास, ओमेर वेंकर्ट, और अन्य शामिल हैं।
इस डील का क्या महत्व है?
यह डील सिर्फ कैदियों की अदला-बदली नहीं, बल्कि वर्षों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गाज़ा और इजरायल के नागरिकों को राहत देने और मानवता की पुनर्स्थापना के लिए यह प्रयास सराहनीय है।
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