डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ ही घंटों बाद अमेरिका में आव्रजन और शरणार्थी नीति पर बड़े बदलावों की घोषणा की। उन्होंने मैक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और एक विवादास्पद आदेश जारी करते हुए अमेरिका में जन्म लेने पर मिलने वाले नागरिकता के अधिकार को खत्म करने की योजना पेश की।
“यह बड़ा कदम है,” ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने माना कि यह कदम कानूनी चुनौतियों का सामना करेगा।
US Immigration पर नई नीति के मुख्य बिंदु
- सीमा पर आपातकाल घोषित:
ट्रंप ने मैक्सिको सीमा पर “राष्ट्रीय आपातकाल” घोषित कर वहां सेना तैनात करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि “अवैध प्रवास को तुरंत रोकने” और “मिलियन-से-मिलियन” प्रवासियों को उनके मूल देशों में वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। - जन्म से नागरिकता का अधिकार खत्म करने की योजना:
ट्रंप ने अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन के तहत जन्म से नागरिकता मिलने वाले अधिकार को खत्म करने का प्रस्ताव रखा। यह कदम कानूनी लड़ाई का विषय बन सकता है। - शरणार्थियों पर रोक:
व्हाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सचिव अन्ना केली ने घोषणा की कि प्रशासन शरण देने की प्रथा को समाप्त करेगा। “Remain in Mexico” नीति को फिर से लागू किया जाएगा, जिसमें आवेदकों को फैसला आने तक मेक्सिको में रुकना होगा।
मैक्सिको सीमा पर निराशा का माहौल
मैक्सिको सीमा पर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। 27 वर्षीय क्यूबाई नागरिक याइम पेरेज ने कहा, “कृपया हमें अंदर आने दें। हमने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है।”
कानूनी चुनौतियां और विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि जन्म से नागरिकता को खत्म करना कानूनी रूप से चुनौतीपूर्ण होगा।
अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य आरोन राइकलिन-मेलनिक ने कहा, “संविधान का 14वां संशोधन इस बारे में स्पष्ट है। राष्ट्रपति इसे कार्यकारी आदेश से खत्म नहीं कर सकते।”
ट्रंप की सख्त नीति की प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस कदम की आलोचना हो रही है। उन्होंने अपनी नीतियों को “राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा” के लिए जरूरी बताया। दूसरी ओर, उनके विरोधी इसे अमानवीय और संविधान विरोधी बता रहे हैं।
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