बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब देशभर में लूटपाट और हिंसा का रूप ले चुका है। मुख्यतः हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय इस हिंसा का शिकार बन रहा है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत भाग जाने और अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया में देरी के बीच, सोशल मीडिया पर मंदिरों को आग लगाने और हिंदुओं के घरों और व्यवसायों पर हमले के वीडियो भर गए हैं।
हिंसा और लूटपाट
बांग्लादेश के ‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले हुए और उनके कीमती सामानों को लूट लिया गया। जमात-ए-इस्लामी ने हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की बात स्वीकार की है।
ISKCON मंदिर पर हमला और हिंदू पार्षद की हत्या
#AllEyesOnBangladeshiHindus | #AllEyesOnBangladesh #BangladeshViolence
Outside 👇🏼 Inside 👇🏼 pic.twitter.com/oCAMPXB0Wh
— Expose Point (@Expose_point_09) August 7, 2024
मेहरपुर में स्थित एक ISKCON मंदिर और एक काली मंदिर को तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई। ISKCON के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंदा दास ने ट्वीट किया कि उनके केंद्र में तीन भक्त किसी तरह से बच निकले।
रंगपुर सिटी कॉर्पोरेशन के हिंदू पार्षद हराधन रॉय की रविवार को हत्या कर दी गई। इसके साथ ही एक अन्य पार्षद काजल रॉय की भी लिंचिंग की खबर है। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए पुलिस से भिड़ंत की, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
हमला और सांप्रदायिक तनाव
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल ने एक पोस्ट में बताया कि 54 हमले हिंदू समुदाय के मंदिरों, घरों और प्रतिष्ठानों पर हुए हैं। इसमें भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने वाले इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र पर हमला भी शामिल है।
Islamic fundamentalists attacked the house of Bamunia Palpara Hindus in Gabtali Upazila of Bogra District, Bangladesh.#AllEyesOnBangladeshiHindus #HinduLivesMatter#SaveBangladeshiHindus2024 #WeWantJustice #SaveBangladeshiHindus pic.twitter.com/rqgxmEWM1T
— Raju Das 🇧🇩 (@RajuDas7777) August 5, 2024
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति 2021 में भी चिंताजनक थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। वर्तमान में, बांग्लादेश की जनसंख्या का 8 प्रतिशत हिंदू है, जो लगभग 13.1 मिलियन लोग हैं। 1951 में यह आंकड़ा 22 प्रतिशत था। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के अनुसार, 1964 और 2013 के बीच धार्मिक उत्पीड़न के कारण 11 मिलियन से अधिक हिंदू बांग्लादेश से पलायन कर चुके हैं।
बढ़ती चिंता
ओइक्या परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनींद्र कुमार नाथ ने बताया कि हिंदू और अधिक हमलों की आशंका से डरे हुए हैं। “हिंदू रो रहे हैं, कह रहे हैं कि उन्हें पीटा जा रहा है, उनके घरों और व्यवसायों को लूटा जा रहा है। हमारा क्या कसूर है? क्या हमारा कसूर है कि हम इस देश के नागरिक हैं?” नाथ ने ‘डेली स्टार’ को बताया।
Dinajpur और Chattogram जिलों में हिंदुओं के घरों को जलाया जा रहा है।
जिस मंदिर के बाहर फोटो सेशन हुआ, उसे जला दिया गया।
महिलायें अपना घर बचाने के लिए चीख पुकार रही हैं।
गाजा के का दर्द महसूस करने वाले अब बांग्लादेश के हिंदुओं की पुकार सुनते समय बहरें, अंधे और गूंगे हो गए हैं।… pic.twitter.com/XJpsLunnRF
— Prashant Umrao (@ippatel) August 7, 2024
भारत की प्रतिक्रिया
भारत के साथ बांग्लादेश की सीमा 4,096 किलोमीटर लंबी है। पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पहले ही ममता बनर्जी सरकार को एक करोड़ हिंदू शरणार्थियों को शरण देने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। भाजपा नेता सुनील देओधर ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति को लेकर “गहरे चिंतित” है और बांग्लादेशी सेना के साथ संपर्क में है।
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