ब्रुकलिन के बुशविक में स्थित एक टाउनहाउस, जिसे हसिएन्डा नामक संगठन द्वारा संचालित किया जाता था, एक समय पर उन लोगों के लिए स्वतंत्रता का प्रतीक था जो पॉलीएमोरी और किंक जैसी यौनिकताओं को खुलकर जीना चाहते थे। हसिएन्डा ने ऐसे समुदाय को बनाने का वादा किया, जो यौनिक साहसिकता और सहमति को मुख्य नियम बनाकर चलता हो। लेकिन इस क्लब पर पिछले कुछ समय से गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें कुछ मेहमानों और सदस्यों ने यौन शोषण और दुरुपयोग के दावे किए हैं।
हसिएन्डा की शुरुआत और विचारधारा
हसिएन्डा की स्थापना लगभग 12 साल पहले की गई थी। इसका उद्देश्य था एक ऐसा सुरक्षित स्थान प्रदान करना जहां लोग बिना किसी सामाजिक दबाव के अपनी यौनिकता का अन्वेषण कर सकें। यहां हर हफ्ते अंडरग्राउंड सेक्स पार्टियों का आयोजन होता था, और क्लब का संचालन करने वाले यह दावा करते थे कि सहमति यहां सर्वोपरि है।
सहमति का सवाल और विवाद
हालांकि, कई सदस्यों ने यह सवाल उठाया कि हसिएन्डा में सहमति को हमेशा सही तरीके से लागू नहीं किया गया। 2012 में जेनिफर फिशर नामक एक सदस्य ने दावा किया कि एक सेक्स पार्टी के दौरान वह यौन शोषण का शिकार हुई थीं। उन्होंने इस घटना को बलात्कार के रूप में वर्णित किया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। उनके अनुसार, एक सेक्स पार्टी में हुई घटना की रिपोर्ट करना एक सामाजिक अपमान हो सकता था।
आंतरिक समीक्षा और आलोचनाएं
क्लब के आयोजकों का कहना है कि उन्होंने सभी आरोपों को गंभीरता से लिया और संगठन में “गार्जियन” (सुरक्षाकर्मी) और अनिवार्य सहमति ओरिएंटेशन जैसी नई नीतियां लागू कीं। फिर भी, कई सदस्य दावा करते हैं कि सहमति के उल्लंघन से जुड़े मामलों को ठीक से नहीं संभाला गया और अक्सर आंतरिक समीक्षा मात्र से मामले को सुलझा लिया जाता था। इसके अलावा, कुछ समीक्षाओं में शामिल लोग व्यक्तिगत रूप से शिकायतकर्ताओं या आरोपियों के साथ यौन संबंध में थे, जो निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।
वित्तीय लाभ और नैतिकता का टकराव
हसिएन्डा का संचालन करने वाले व्यक्ति और क्लब के सह-संस्थापक, एंड्रयू और बेथ स्पार्क्सफायर, और उनके साथी, केनेथ प्ले, ने इस क्लब को एक “सेक्स पॉजिटिव” मूवमेंट के प्रमुख भागीदार के रूप में प्रस्तुत किया। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि इस क्लब ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी के ऊपर लाभ को प्राथमिकता दी। सेक्स पार्टियों के जरिए धन कमाने और क्लब के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के बीच संतुलन बनाए रखना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है।
मामले और उदाहरण
वर्ष 2020 में, एक गैर-बाइनरी व्यक्ति ने दावा किया कि एक सेक्स पार्टी के दौरान बिना उनकी सहमति के उन्हें गला घोंटने की घटना हुई। हालांकि उन्होंने आयोजकों को यह मामला बताया, लेकिन उन्हें केवल डांट का सामना करना पड़ा। इस प्रकार की घटनाएं बताती हैं कि हसिएन्डा जैसे स्थानों में सहमति को सख्ती से लागू करना कितना कठिन हो सकता है, खासकर जब व्यक्तिगत और यौनिक सीमाओं की बात आती है।
समुदाय की प्रतिक्रिया
हसिएन्डा के कई सदस्य इस क्लब को एक सुरक्षित स्थान मानते हैं, जहां यौनिकता को लेकर किसी प्रकार की शर्मिंदगी नहीं होती। इसके समर्थकों का कहना है कि यहां के अनुभवों ने उनकी आत्मविश्वास और आत्म-साक्षात्कार को बढ़ावा दिया। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इस क्लब के भीतर सत्ता और सहमति की असमानताएं अनदेखी की गईं, जिससे कुछ सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार हुआ।
हसिएन्डा के मामले ने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है: क्या ऐसे स्थानों में, जहां यौनिक सीमाओं को धकेला जाता है, सहमति की पवित्रता को बनाए रखा जा सकता है? यद्यपि हसिएन्डा ने अपने आयोजनों में सहमति को प्रमुखता दी, फिर भी घटनाओं की एक श्रृंखला से पता चलता है कि इस तरह के स्थानों में नैतिक और व्यावहारिक चुनौतियां बनी रहती हैं।