Key Highlights
- खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारतीय सिख सैनिकों से पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में हिस्सा न लेने की अपील की।
- पन्नू ने पाकिस्तान को सिखों के लिए ‘दोस्ताना’ देश बताया और भारतीय सेना को ही ‘दुश्मन’ कहा।
- यह अपील ऐसे समय आई है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से कड़ी सैन्य कार्रवाई की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी ने इशारा किया है कि आतंकियों और उनके मददगारों को अब छोड़ा नहीं जाएगा।
‘Say No To…’: पहलगाम हमले के बाद गुरपतवंत पन्नू का भड़काऊ संदेश
सिख सैनिकों को भड़काने की साजिश? पन्नू ने कहा – “भारतीय सेना नहीं, तुम्हारा दुश्मन असली वही है”
भारतीय सेना के सिख जवानों को लेकर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें उसने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिख सैनिकों से पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में शामिल न होने की अपील की है। यह वीडियो न सिर्फ सेना की एकता को चुनौती देता है, बल्कि यह देशद्रोही विचारधारा को भी उजागर करता है।
पन्नू ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “अब वक्त है नरेंद्र मोदी की युद्ध नीति को ‘ना’ कहने का। पाकिस्तान आपका दुश्मन नहीं है। वह एक दोस्ताना देश है जो खालिस्तान के लिए समर्थन करता है।” उसने यह भी कहा कि यदि भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो यह “मोदी और भारत के लिए अंतिम युद्ध” होगा।
क्यों आया यह वीडियो?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बाइसरण घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए “समय, स्थान और लक्ष्य चुनने की पूरी आज़ादी” दी है। ऐसे में पन्नू का यह बयान सेना को भ्रमित करने और सिख सैनिकों को गुमराह करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पन्नू का बयान कितना खतरनाक?
वीडियो में पन्नू कहता है, “पाकिस्तान हमारा पड़ोसी होगा जब पंजाब आज़ाद होगा। भारतीय सेना तुम्हारा दुश्मन है, न कि पाकिस्तान।” यह कथन न सिर्फ भारतीय सेना में फूट डालने की साजिश है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।
सरकार और सेना ने इस बयान को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे देश के खिलाफ एक ‘साइकोलॉजिकल वॉरफेयर’ करार दिया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, ऐसी किसी भी भड़काऊ सामग्री को गंभीरता से लिया जा रहा है और खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।
भारत-पाक तनाव के इस माहौल में जब पाकिस्तान के मंत्री भी “नाभिकीय युद्ध” की धमकियाँ दे रहे हैं, ऐसे में पन्नू जैसे तत्वों द्वारा सिख सैनिकों को उकसाना एक बड़ा सुरक्षा संकट पैदा कर सकता है। यह न केवल एकता के खिलाफ है, बल्कि खालिस्तान एजेंडे को बढ़ावा देने की विदेशी साजिश भी हो सकती है।
गुरपतवंत पन्नू का यह बयान सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। सिख समुदाय ने बार-बार देशभक्ति और बलिदान की मिसालें पेश की हैं। ऐसे में इस तरह की भड़काऊ अपील को गंभीरता से लेते हुए हर भारतीय को सचेत रहना होगा।
अब समय है एकता दिखाने का, ना कि ऐसे नापाक मंसूबों में फंसने का।
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