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भारत की स्ट्राइक के बाद ‘कमज़ोर’ दिखे शहबाज शरीफ, पाकिस्तानियों ने किया ट्रोल

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Key Highlights:

  • भारत के सटीक हमलों के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दी बदले की धमकी
  • राष्ट्र को संबोधन के दौरान पाकिस्तानियों ने कहा – “कमजोर और डरपोक दिख रहे थे पीएम”
  • सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए शहबाज शरीफ
  • जनता ने कहा – “जंग ख़त्म हो जाएगी लेकिन आपकी स्पीच ख़त्म नहीं होगी”
  • भारतीय कार्रवाई के बाद भी नहीं दिखा कोई ठोस जवाबी प्लान

‘कमज़ोर और डरपोक लग रहे हैं’: भारत की स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ को जनता ने किया ट्रोल

भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में किए गए सटीक हवाई हमलों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा, “भारत को हर बूंद खून का बदला चुकाना होगा।” लेकिन यह बयान खुद पाकिस्तान की जनता को ही रास नहीं आया।

जहां एक ओर पाकिस्तान सरकार भारत पर ’26 नागरिकों की मौत’ का आरोप लगा रही है, वहीं दूसरी ओर वहां के नागरिकों ने अपने ही प्रधानमंत्री को कमज़ोर, डरपोक और दिशाहीन बताते हुए सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया।

“कमज़ोर दिखे शहबाज शरीफ”: जनता का ग़ुस्सा सोशल मीडिया पर

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पाकिस्तानी नागरिकों ने प्रधानमंत्री के भाषण को “धीमा”, “बेमतलब” और “क्लिच” बताते हुए सवाल उठाए कि जब भारत ने सीधे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, तब उनके प्रधानमंत्री का भाषण किसी ठोस एक्शन की बजाय सिर्फ भावनात्मक बयानबाज़ी क्यों था?

PM Shahbaz is looking underconfident and weak. It’s not a good look. Just saying,” – एक एक्स यूज़र।

Shahbaz uncle pls start speaking in 2x speed aur har baat pe speech nahi dena hota. Point pe ao.” – एक और यूज़र ने लिखा।

Jitni Shehbaz Sharif ki bolne ki speed hai, is hisaab se toh jung khatam bhi ho jayegi aur speech khatam nahi hogi.” – सोशल मीडिया पर आया व्यंग्य।

Shahbaz Sharif is such a coward. India ke action ka jawab tak nahi diya. Utterly disappointed.” – एक नागरिक की टिप्पणी।

“बदला लेंगे” लेकिन कैसे?

शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार “हर खून की बूंद का बदला लेगी”, लेकिन उनके भाषण में न तो कोई ठोस रणनीति का ज़िक्र था, न ही भारत को किसी सीधी चेतावनी।

Shahbaz Sharif ko sun kar lag raha hai bas itni hi retaliation dikhani thi inhone.

Cliched speech thi, retaliate ka koi plan nahi tha.

यह निराशा इसलिए भी ज़्यादा थी क्योंकि पाकिस्तान की जनता को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा के इस संवेदनशील मुद्दे पर मज़बूत और निर्णायक रुख अपनाएंगे।

भारत की कार्रवाई पर क्या था पूरा मामला?

भारतीय वायुसेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर सटीक और सीमित हमले किए। इन हमलों में कई आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, लेकिन भारत ने एलओसी पार नहीं की। इस कार्रवाई को “ऑपरेशन सिन्दूर” नाम दिया गया, जिसका मकसद भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बने ठिकानों को निशाना बनाना था।

क्यों नहीं दिखा नेतृत्व का आत्मविश्वास?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शहबाज शरीफ इस समय सेना के दबाव में हैं। सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ उनका समीकरण ही उनकी कुर्सी बचा रहा है। इसीलिए उन्होंने राष्ट्र को संबोधित तो किया, लेकिन एक प्रभावी नेता की तरह नहीं, बल्कि किसी दबावग्रस्त प्रवक्ता की तरह। यही कारण है कि उनके बयान न तो जनता को प्रेरित कर पाए और न ही भारत को कोई गंभीर चेतावनी दे पाए।

शहबाज शरीफ का राष्ट्र को संबोधन उनकी साख को मज़बूत करने के बजाय और ज़्यादा कमज़ोर और असहाय बना गया। सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं इस बात का प्रमाण हैं कि अब जनता सिर्फ भाषण नहीं, एक्शन चाहती है।

ऐसे में सवाल यह है कि क्या शहबाज शरीफ अपनी छवि सुधार पाएंगे? और क्या पाकिस्तान भारत की अगली कार्रवाई से पहले कोई ठोस नीति बना पाएगा?

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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