मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक पुलिसकर्मी, सहायक उप-निरीक्षक (ASI) विनोद मिश्रा, भाजपा पार्षद के पति अर्जुन गुप्ता के साथ बहस के दौरान अपनी वर्दी फाड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह घटना बैढ़न पुलिस स्टेशन के अंदर हुई थी और इसका सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसने राज्य में राजनीतिक बहस को जन्म दिया है।
यह विवाद फरवरी 2024 में नाली निर्माण को लेकर शुरू हुआ था, जो विनोद मिश्रा के घर के पास हो रहा था। बहस के दौरान अर्जुन गुप्ता ने मिश्रा से कहा कि वह उनकी वर्दी उतरवा देंगे। इस पर नाराज होकर मिश्रा ने अपनी वर्दी खुद ही उतार दी और गुस्से में अपनी शर्ट, टोपी और बेल्ट फेंक दी। पुलिसकर्मी का यह कृत्य देखकर अन्य अधिकारी और लोग स्थिति को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बहस बढ़ती गई।
सरकारी प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, सिंगरौली की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने बताया कि विनोद मिश्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी। उनकी सालाना वेतन वृद्धि रोक दी गई थी। इसके साथ ही घटना की जांच भी की जा रही है कि सीसीटीवी फुटेज कैसे लीक हुआ।
इस वीडियो के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और गृह विभाग की नाकामी पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य की पुलिसिंग व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। कांग्रेस के अनुसार, भाजपा नेताओं का दबाव पुलिस पर इतना ज्यादा है कि एक पुलिसकर्मी को अपनी वर्दी उतारनी पड़ी।
राजनीतिक प्रभाव
यह घटना आगामी विधानसभा चुनावों के समय सामने आई है, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने का मौका नहीं छोड़ा और मुख्यमंत्री मोहन यादव से गृह विभाग की जिम्मेदारी छोड़ने की मांग की।
यह घटना पुलिस बल और जनता के बीच तनावपूर्ण संबंधों की ओर इशारा करती है, जिसमें राजनीतिक दबाव और सरकारी कार्यप्रणाली के मुद्दे सामने आए हैं। जब एक पुलिस अधिकारी अपने पद और वर्दी का सम्मान नहीं कर पाता, तो यह समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप और दबाव की भूमिका को समझना बेहद महत्वपूर्ण है ताकि न्याय और शांति बनी रह सके।
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