पीएम मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में कहा: आतंकवाद वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा

पीएम मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया, साथ ही भारत की ASEAN एकता के प्रति समर्थन भी व्यक्त किया।

PM Modi said at 19th East Asia Summit: Terrorism is a serious threat to global peace
PM Modi said at 19th East Asia Summit: Terrorism is a serious threat to global peace
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अक्टूबर 2024 को लाओस में आयोजित 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद को एक गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाले सभी देशों को एकजुट होकर इस समस्या का सामना करना होगा।

आतंकवाद: वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए एक प्रमुख खतरे के रूप में दर्शाया और इस संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आतंकवाद और इससे जुड़े अन्य खतरों से निपटने के लिए देशों को आपसी सहयोग और समन्वय को मजबूत करना होगा, खासकर साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में।

उन्होंने कहा, “आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसका सामना करने के लिए, जो ताकतें मानवता में विश्वास रखती हैं, उन्हें एक साथ आकर काम करना होगा।”

शांति, संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि मौजूदा वैश्विक संघर्षों से सबसे अधिक नुकसान वैश्विक दक्षिण के देशों को हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध के बजाय संवाद और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजा जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया, “मैं बुद्ध की भूमि से आता हूं और मैंने बार-बार कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्धक्षेत्र से नहीं निकलेगा। संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना आवश्यक है।”

ASEAN और भारत के बीच संबंधों का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ASEAN (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) की एकता और इसकी केंद्रीयता के प्रति भारत के मजबूत समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा कि ASEAN भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड सहयोग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मोदी ने भारत और ASEAN के बीच समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी जोर दिया, जो बौद्ध धर्म और रामायण जैसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान से समृद्ध हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और ASEAN के बीच व्यापार और सहयोग को और मजबूत करने के लिए अगले कुछ वर्षों में नई योजनाओं की शुरुआत की जाएगी।

म्यांमार संकट पर भारत का रुख

प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार में चल रहे संकट पर ASEAN की पाँच बिंदुओं वाली सहमति का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली के लिए जरूरी कदम उठाने के साथ-साथ मानवीय सहायता भी बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि म्यांमार को अलग-थलग करने के बजाय उसके साथ संवाद बनाए रखना चाहिए।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शांति के लिए भारत की पहल

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पूरे क्षेत्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। दक्षिण चीन सागर की शांति और स्थिरता को बनाए रखना पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हित में है।

लाओस में पीएम मोदी की उपस्थिति

लाओस में अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने ASEAN-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने लाओस में भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात की और देश के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। उनके इस दौरे का उद्देश्य भारत-ASEAN संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना और वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा करना था​।

 

Team K.H.
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