Key Highlights (मुख्य बिंदु):
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा 19 अप्रैल को होना था।
- वे कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले थे।
- मौसम विभाग ने 18-19 अप्रैल को भारी बारिश की चेतावनी दी है।
- यात्रा को फिलहाल टाल दिया गया है।
- सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जम्मू-कश्मीर में अलर्ट जारी किया गया था।
- वंदे भारत एक्सप्रेस का सफल ट्रायल रन 15 अप्रैल को हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी का J&K दौरा स्थगित: कटरा से श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत टली, जानिए वजह
जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए 19 अप्रैल का दिन एक ऐतिहासिक क्षण बनने वाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने वाले थे। लेकिन अचानक आई एक अप्रत्याशित घोषणा ने इस उत्साह पर ब्रेक लगा दिया।
जी हां, मौसम विभाग द्वारा दी गई भारी बारिश की चेतावनी के चलते प्रधानमंत्री का यह दौरा स्थगित कर दिया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 18 और 19 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में व्यापक वर्षा की संभावना जताई गई है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने खुद इस खबर की पुष्टि की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के राज्य मंत्री ने बताया कि सुरक्षा और मौसम की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।
क्यों खास है ये वंदे भारत ट्रेन?
कटरा से श्रीनगर तक यह ट्रेन देश की सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजना का हिस्सा है – उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लाइन (272 किलोमीटर)। इस मार्ग पर ट्रायल रन 15 अप्रैल को सफलतापूर्वक किया गया था। यह ट्रेन न सिर्फ धार्मिक पर्यटकों को सुविधा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी रोज़ाना की यात्रा को आसान बनाएगी।
प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में सघन तलाशी अभियान चलाए थे। खासतौर पर कठुआ, उधमपुर, रियासी और रामबन जैसे संवेदनशील जिलों में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर थे।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने श्रीनगर में व्यापक वर्षा की चेतावनी जारी की थी। बताया गया कि 18 और 19 अप्रैल को सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में सुरक्षा और लोकोपकारी दृष्टिकोण से दौरे को स्थगित करना आवश्यक हो गया।
फिलहाल नई तारीख की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन संभावना है कि मौसम सामान्य होने पर जल्द ही प्रधानमंत्री फिर से दौरा कर सकते हैं और वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना करेंगे।
हालांकि यह खबर थोड़ी निराशाजनक हो सकती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोग अब भी इस ऐतिहासिक रेल सेवा का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। यह सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य के विकास के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
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