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पहलगाम हमले की जांच के लिए गठित हुई SIT, NIA भी कर रही है जांच – जानिए अब तक क्या हुआ है?

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मुख्य बिंदु (Key Highlights):

  • पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है
  • एसआईटी की अगुवाई एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे
  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी इस केस की जांच में जुटी है
  • जब तक NIA पूरी तरह जांच नहीं संभालती, SIT केस पर काम करती रहेगी
  • यह कदम हमले की गहराई से जांच और सटीक तथ्य सामने लाने के लिए उठाया गया है

पहलगाम हमले की जांच के लिए गठित हुई SIT, NIA भी कर रही है गहन जांच

जम्मू-कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद अब जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं और सच्चाई तक पहुंचने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। इसी क्रम में पुलिस ने SIT (Special Investigation Team) का गठन किया है जो इस हमले की गहराई से जांच करेगी। इसके साथ ही NIA (National Investigation Agency) भी इस केस की जांच में शामिल हो चुकी है।

इस आतंकवादी हमले ने न केवल घाटी में बल्कि पूरे देश में एक बार फिर चिंता की लहर दौड़ा दी। सूत्रों के अनुसार, हमला बेहद सुनियोजित था और इसमें स्थानीय सहायता की भी संभावना जताई जा रही है। ऐसे में अब इस मामले की गहराई से छानबीन के लिए पुलिस ने SIT गठित करने का फैसला लिया है।

SIT क्या होती है और इसका उद्देश्य क्या है?

SIT यानी Special Investigation Team, किसी खास मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच के लिए गठित की जाती है। इसमें आमतौर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अनुभवी जांचकर्ता शामिल होते हैं। पहलगाम हमले की SIT का नेतृत्व SP रैंक के अधिकारी करेंगे। SIT यह सुनिश्चित करेगी कि हर एंगल से जांच हो और कोई भी सुराग छूट न जाए।

क्या करेगी यह SIT?

  • घटनास्थल से जुड़े हर सुराग की गहराई से जांच
  • संदिग्धों की पहचान और पूछताछ
  • स्थानीय नेटवर्क और मददगारों की तलाश
  • पहले से मौजूद खुफिया इनपुट का विश्लेषण
  • पीड़ितों और चश्मदीदों से विस्तृत पूछताछ

SIT की यह जांच तब तक चलेगी जब तक NIA इस केस की पूरी कमान नहीं संभाल लेती।

NIA की भूमिका

NIA देश की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी है। NIA के शामिल होने का मतलब है कि इस केस में आतंकी एंगल की पुष्टि हो चुकी है। NIA अपने तरीके से डिजिटल एविडेंस, साइबर ट्रेसिंग, और अंतर्राष्ट्रीय लिंक की भी जांच करेगी। NIA के आने से यह तय हो गया है कि यह मामला केवल स्थानीय नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर प्लान किया गया हो सकता है।

हमले के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। हालांकि, SIT के गठन और NIA की एंट्री से लोगों में भरोसा भी पैदा हुआ है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा। कई स्थानीय नेताओं ने भी इस कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि “हम चाहते हैं कि इस हमले की सच्चाई सामने आए और दोषियों को सख्त सजा मिले।”

क्या हो सकते हैं आने वाले खुलासे?

  • हमला करने वालों की पहचान
  • आतंकी संगठन की भूमिका
  • हमले की योजना बनाने वालों का नेटवर्क
  • स्थानीय सहयोगियों की पहचान और गिरफ्तारी
  • विदेशी फंडिंग या समर्थन की कड़ी

पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा तंत्र की बड़ी परीक्षा भी है। SIT और NIA की संयुक्त जांच से इस मामले में नए खुलासे होने की पूरी उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि जांच एजेंसियां कितनी तेजी और सटीकता से दोषियों तक पहुंच पाती हैं। जनता को भी चाहिए कि वे जांच में सहयोग करें और किसी भी अफवाह से बचें।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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