मुख्य बिंदु (Key Highlights):
- भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया।
- इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया जिन्होंने पाहलगाम हमले में अपने पति खो दिए।
- हमले में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- भारत ने इस ऑपरेशन को सटीक और सीमित बताया, जबकि पाकिस्तान ने इसे ‘युद्ध का कार्य’ कहा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: भारत के प्रतिशोध की कहानी
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं जिन्होंने अपने पति खो दिए। इस दर्दनाक घटना के दो सप्ताह बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
‘सिंदूर’ नाम का महत्व
‘सिंदूर’ भारतीय संस्कृति में विवाहिता महिलाओं का प्रतीक है। इस ऑपरेशन का नाम उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया जिन्होंने पाहलगाम हमले में अपने पति खो दिए। यह नाम न केवल आतंक के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दर्शाता है, बल्कि उन पीड़ितों के प्रति संवेदना भी प्रकट करता है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया। इनमें बहावलपुर, मुरिदके, मुजफ्फराबाद और कोटली जैसे स्थान शामिल थे, जो जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों के गढ़ माने जाते हैं। हमलों में राफेल जेट्स, स्कैल्प मिसाइलें और हैमर बम्स का इस्तेमाल किया गया। भारतीय सेना के अनुसार, इन हमलों में 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए और 60 घायल हुए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत ने इस ऑपरेशन को सटीक और सीमित बताया, जबकि पाकिस्तान ने इसे ‘युद्ध का कार्य’ कहा और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल आतंक के खिलाफ भारत की सख्त नीति का प्रतीक है, बल्कि यह उन पीड़ितों के प्रति संवेदना और सम्मान का भी प्रतीक है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। यह ऑपरेशन एक संदेश है कि भारत आतंक के खिलाफ खड़ा है और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।