मुख्य बिंदु:
- भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों पर हमला किया।
- लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “अगर भारत पीछे हटता है तो हम भी तनाव खत्म कर देंगे।”
- भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया, वाघा-अटारी सीमा बंद की और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए।
- पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किया और शिमला समझौते को निलंबित किया।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की करारा जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की शांति की पेशकश
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक हिस्सा माना जाता है।
इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के 9 ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया गया। भारत ने दावा किया कि इन हमलों में लगभग 70 आतंकियों को मार गिराया गया।
भारत सरकार ने इस कार्रवाई को आत्मरक्षा और भविष्य में होने वाले हमलों को रोकने के लिए आवश्यक बताया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम हमले की जांच में पाकिस्तान के आतंकियों से संबंध स्पष्ट हुए हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों के संचार नेटवर्क पाकिस्तान से जुड़े हुए थे।
इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार दिया और पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “अगर भारत पीछे हटता है तो हम भी तनाव खत्म कर देंगे।”
भारत ने भी कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित किया, वाघा-अटारी सीमा को बंद किया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और शिमला समझौते को निलंबित कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस स्थिति पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर दिखा दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाना कितना जरूरी है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ हर संभव कदम उठाएगा।
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