Key Highlights (मुख्य बिंदु):
- केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पहुंचे शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के घर
- हरियाणा के करनाल में स्थित है शहीद अफसर का पैतृक घर
- पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हुई थी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत
- खट्टर ने पिता से मुलाकात कर दी सांत्वना, कहा – पूरा देश है गर्वित
- राज्य और केंद्र सरकार द्वारा परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन
“एक वीर बेटे की कुर्बानी को सलाम”
करनाल, हरियाणा – पुकार वही थी जो हर बार देश की सीमाओं से आती है, लेकिन इस बार जब संदेश आया, तो वह विनय नरवाल की शहादत की खबर लेकर आया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से मिलने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर उनके करनाल स्थित आवास पर पहुंचे।
यह सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं थी, बल्कि एक गहरा मानवीय अनुभव था – एक पिता के आंसुओं में छिपा वह गर्व, जो दर्द से भी बड़ा था।
“आपके बेटे ने देश को गौरवान्वित किया है” – खट्टर
खट्टर ने शहीद लेफ्टिनेंट के पिता से गले लगकर कहा, “आपके बेटे की शहादत को पूरा देश सलाम करता है। वो सिर्फ आपके नहीं, पूरे देश के बेटे थे।”
इस दौरान मंत्री जी ने परिजनों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों परिवार के साथ हैं। उन्होंने बताया कि शहीदों के सम्मान में सरकार पूरी तरह से संवेदनशील और सक्रिय है।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल बचपन से ही देशसेवा का सपना देखते थे। गांव के स्कूल से निकलकर नेवी में अफसर बनना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई रास्ता मुश्किल नहीं होता।
उनकी शहादत ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है।
मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति: सिर्फ एक नेता नहीं, एक संवेदनशील नागरिक की भूमिका
मंत्री खट्टर का यह दौरा राजनीति से ऊपर एक मानवीय कर्तव्य की तरह था। जब उन्होंने शहीद के पिता के कंधे पर हाथ रखा, तब वह एक नेता से ज्यादा एक आम भारतीय लगे – जो अपने वीर सपूत को आखिरी सलाम देने आया था।
लेफ्टिनेंट नरवाल की शहादत केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की क्षति है। लेकिन उनके जैसा साहसी नौजवान हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
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