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J&K में आतंकी तंत्र पर वार! LG Sinha ने मांगी निर्णायक कार्रवाई

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Key Highlights:

  • उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू में उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
  • पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा हालातों की समीक्षा की गई।
  • बैठक में DGP नलीन प्रभात, ADGP नितीश कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
  • एलजी सिन्हा ने पड़ोसी देश से पनप रहे आतंक के जड़ को खत्म करने की अपील की।

जम्मू-कश्मीर में आतंक के तंत्र को जड़ से खत्म करने का आह्वान

जम्मू-कश्मीर के हालिया घटनाक्रमों ने एक बार फिर से सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई रणनीतियों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को जम्मू में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में कौन-कौन रहा शामिल?

इस बैठक में राज्य के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए, जिनमें DGP नलीन प्रभात, Principal Secretary (Home) चंद्रेकर भारती, ADGP CID नितीश कुमार और जम्मू, सांबा व कठुआ रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल रहे। यह बैठक न केवल आतंकी घटनाओं की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी, बल्कि आगामी समय में आतंकवाद के खात्मे के लिए रणनीति तैयार करने पर भी केंद्रित रही।

LG सिन्हा का सख्त संदेश – अब और चुप नहीं बैठ सकते

बैठक में बोलते हुए LG मनोज सिन्हा ने दो टूक कहा,

“यह जम्मू-कश्मीर और पूरे देश की सामूहिक इच्छा है कि हम अपने पड़ोसी देश से पनप रहे आतंकवाद की जड़ों को पूरी तरह खत्म करें।”

उन्होंने इसे केवल सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी न मानते हुए आम जनता से भी सहयोग की अपेक्षा जताई।

क्यों बढ़ गई है चिंता?

पहलगाम में हुई घटना ने एक बार फिर याद दिला दिया कि आतंक का तंत्र अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सीमापार से होने वाली घुसपैठ, हथियारों और विचारधारा के प्रसार के जरिए इस नेटवर्क को जिंदा रखा जा रहा है।

क्या रही बैठक की प्रमुख बातें?

  • आतंकी ठिकानों की पहचान और उन्हें नष्ट करने की रणनीति पर जोर।
  • सीमावर्ती जिलों में इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मज़बूत बनाने की योजना।
  • स्थानीय युवाओं को गुमराह करने वाली गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई।
  • आम नागरिकों से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील।

जनता की भूमिका को भी अहम बताया

एलजी सिन्हा ने बैठक में कहा कि “आतंक के खिलाफ यह लड़ाई केवल सेना या पुलिस की नहीं है। यह हर उस नागरिक की भी है जो शांति और विकास चाहता है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे न केवल सजग रहें, बल्कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साझा करें।

जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए सिर्फ सरकारी कदम ही नहीं, बल्कि आम जनता की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का यह कदम न केवल एक प्रशासनिक निर्णय है, बल्कि यह एक स्पष्ट संकेत है कि अब आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का समय आ गया है

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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